सीबीएसई पेपर लीक मामले में क्राइम ब्रांच की जांच काफी तेजी से आगे बढ़ रही है. इस मामले में नया खुलासा हुआ कि परीक्षा से 24 घंटे पहले 34 छात्रों के पास लीक पेपर पहुंचा था. 10वीं के 24 छात्रों के पास मैथ्स और 12वीं के इकनॉमिक्स के 10 छात्रों के पास लीक पेपर वॉट्सऐप के जरिए पहुंचा था.
इन सभी 34 छात्रों से क्राइम ब्रांच पूछताछ करेगी. वहीं दिल्ली के स्पेशल सीपी आरपी उपाध्याय ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले में नए खुलासे के बारे में मीडिया को बताया.
आरपी उपाध्याय ने बताया कि सीबीएसई के रीजनल डायरेक्टर की शिकायत पर 2 केस दर्ज किया गया है. 27 मार्च को पहला केस दर्ज हुआ. 28 मार्च को दूसरा केस दर्ज किया गया. क्राइम ब्रांच के आलोक कुमार इस जांच को लीड कर रहे हैं. 25 लोगों से अब तक पूछताछ हुई हे. 18 छात्रों से भी पूछताछ हुई है, जिसमें 5 पहले ईयर के छात्र हैं. साथ 5 ट्यूटर्स हैं. पेपर परीक्षा होने से बहुत पहले लीक हो चुका था. आरपी उपाध्याय ने बताया कि हम जांच द्वारा पेपर लीक करने वाले शख्स तक पहुंचाना चाह रहे हैं. आरपी उपाध्याय ने बताया कि अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.
कांग्रेस का सरकार पर हमला
वहीं बता दें कि इस मामले में राजनीति भी तेज हो गई है. सीबीएसई पेपर लीक मामले में कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ जबरदस्त हमला बोला है. कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने कहा कि देश के करोड़ों बेरोजगार युवा सड़कों पर हैं और मोदी सरकार व्यवस्थागत तरीके से एक-एक कर देश की संस्थाओं को तबाह कर रही है. दरअसल, केंद्र सरकार ने संस्थाओं को बर्बाद करने में पीएचडी हासिल कर ली है.
सुरजेवाला ने कहा कि एग्जाम माफिया छात्रों के भविष्य को बर्बाद कर रहे हैं और एचआरडी मंत्री इसे स्वीकारने के बजाय पश्चिम बंगाल के अपने विपक्षियों पर हमले करने में व्यस्त हैं. 16.38 लाख छात्र 10वीं की परीक्षा दे रहे हैं, जबकि तकरीबन 8 लाख छात्र 12वीं की परीक्षा दे रहे हैं. क्या वे अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए रि-एग्जाम वॉरियर हो गए हैं.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से लगभग दो साल तक तत्कालीन मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी के कार्यकाल में सीबीएसई चेयरपर्सन का पोस्ट खाली रहा.
पुलिस जांच में भी तेजी
सीबीएसई पेपर लीक मामले में पुलिस की मेहनत रंग ला रही है. जिसके चलते क्राइम ब्रांच ने 40 ऐसे मोबाइल नंबर स्कैन कर लिए हैं, जिन पर लीक पेपर भेजा गया था. सबसे अहम बात ये कि हिरासत में लिए गए कोचिंग संचालक विक्की ने पूछताछ में बताया कि उसे पेपर एक छात्र ने दिखाया था.
पेपर लीक मामले में नया खुलासा हुआ है. पुलिस हिरासत में विद्या कोचिंग सेंटर के संचालक विक्की ने पूछताछ में बताया कि किसी छात्र ने उसे यह पेपर दिखाया था. जिससे साफ पता चल रहा है कि विक्की इस केस का मास्टरमाइंड नहीं है. अभी तक पुलिस उसी को इस मामले का मास्टर माइंड मानकर चल रही थी.