कैफे कॉफी डे (CCD) के मालिक वी.जी. सिद्धार्थ मंगलवार सुबह से ही कर्नाटक में मैंगलोर के पास नेत्रावती नदी तट से गायब हैं. पुलिस उनको खोजने में जुटी हुई है. इस बीच एक प्रत्यक्षदर्शी मछुआरे का बयान सामने आया है. मछुआरे का दावा है कि उसने करीब 7.30 बजे एक शख्स को नदी में कूदते देखा था. उसका कहना है कि यह आठवें पिलर के पास हुआ था. मछुआरे का कहना है कि वो अपनी बोट पर सवार था. उसने स्पॉट पर जाना चाहा लेकिन वहां उसे कुछ नहीं मिला.
बताया जा रहा है कि वीजी. सिद्धार्थ की कंपनी पर 7000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है. सिद्धार्थ पूर्व केंद्रीय मंत्री एस. एम. कृष्णा के दामाद हैं. इस समय देश के 247 शहरों में सीसीडी के कुल 1,758 कैफे हैं. कंपनी का मार्केट कैप करीब 3254 करोड़ रुपये है.
ड्राइवर ने बॉस के साथ गुजरे आखिरी घंटे की कहानी बताई
वहीं वी.जी. सिद्धार्थ के ड्राइवर बासवराज पटेल ने अपने बॉस के साथ गुजरे आखिरी घंटे की कहानी मीडिया को बताई. बासवराज पटेल ने कहा कि वह तीन साल से वी.जी सिद्धार्थ की कार चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि सोमवार को वे अपने बॉस के कहने पर उन्हें मैंगलोर की ओर लेकर गए थे. एक पुल के पास उन्होंने मुझे रुकने को कहा. इस जगह के बाद से वी.जी सिद्धार्थ का कोई अता-पता नहीं है.
बासवराज पटेल ने कहा कि सोमवार को वह सुबह 8 बजे वी.जी सिद्धार्थ के घर पहुंचे. इसके बाद वो विट्ठल माल्या के दफ्तर पहुंचे. वहां से 11 बजे फिर से वह वी.जी सिद्धार्थ के घर पहुंचा. 12.30 बजे दोपहर वी.जी सिद्धार्थ उनके साथ कार पर सवार हुए और सकलेशपुर की ओर चलने को कहा. ड्राइवर के मुताबिक वे दोनों इनोवा में सवार थे. रास्ते में वी.जी सिद्धार्थ ने कहा कि मैंगलोर की ओर ले चलो.
ड्राइवर ने कहा कि जब इनोवा मेन मैंगलोर सर्किल में घुस रही थी तो वी.जी सिद्धार्थ ने कहा कि बाईं ओर मुड़ो और साइट पर चलो. ड्राइवर ने कहा कि हमलोग केरल हाईवे पर पहुंचे और 3 से 4 किलोमीटर तक चले. ड्राइवर ने आगे कहा, "रास्ते में एक पुल पर उन्होंने मुझे रुकने को कहा, और कहा कि तुम पुल के किनारे पर रहना, मैं घूम कर वापस आ जाऊंगा, तब तक मैं कार से नीचे उतर गया था, तभी उन्होंने कहा कि तुम कार में ही रहो और पुल के दूसरे किनारे पर चले जाओ."