भारतीय रेल और उसकी इकाई इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कापरेरेशन (आईआरसीटीसी) भी प्रतिस्पर्धा आयोग की जांच के दायरे में आ गए हैं.
रेलवे पर कथित रूप से कुछ गाड़ियों और टिकटों की बुकिंग में यात्रियों को अनिवार्य रूप से खाने पीने के सामान की बिक्री के दौरान अनुचित व्यवहार का आरोप है. कोल इंडिया के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के किसी उपक्रम के खिलाफ प्रतिस्पर्धा आयोग की यह दूसरी बड़ी जांच है. प्रतिस्पर्धा रेल मंत्रालय व आईआरसीटीसी के खिलाफ मिली शिकायत के बाद आयोग ने यह कार्रवाई की है.
जांच के दौरान मामले में संभावित व्यक्तिगत भूमिका की भी जांच की जाएगी. प्रतिस्पर्धा आयोग ने अपने आदेश, जिसे कल सार्वजनिक किया गया, में कहा है कि आयोग का मानना है कि पहली नजर में भारतीय रेलवे और आईआरसीटीसी के खिलाफ प्रतिस्पर्धा अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन का मामला बनता है.
राजधानी और दूसरी गाड़ियों में यात्रियों से कैटरिंग सुविधा के लिए अनिवार्य तौर पर शुल्क लिया जाता है. इसके अलावा राजधानी, शताब्दी, दूरंतो गाडि़यों में कैटरिंग और यात्रा सेवाओं की बिक्री में कथित तौर पर अनुचित परिस्थितियों को देखते हुए पहली नजर में प्रतिस्पर्धा नियमों के उल्लंघन का मामला बनता है.