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और नहीं सहेंगे चीन की धौंस, सीमा पर होंगे 50 हजार सैनिक तैनात

चीन लगातार सीमा पर भारत को धौंस दिखाता रहा है और अब सरकार इसके जवाब में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 50 हजार अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती करने जा रही है. सेना की युद्धक क्षमता को प्रोत्साहन देते हुए सरकार ने एक कोर के गठन को हरी झंडी दे दी जिसमें 65000 करोड़ रुपये के खर्च से 50 हजार अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती शामिल है.

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भारतीय सेना
भारतीय सेना

चीन लगातार सीमा पर भारत को धौंस दिखाता रहा है और अब सरकार इसके जवाब में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 50 हजार अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती करने जा रही है. सेना की युद्धक क्षमता को प्रोत्साहन देते हुए सरकार ने एक कोर के गठन को हरी झंडी दे दी जिसमें 65000 करोड़ रुपये के खर्च से 50 हजार अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती शामिल है.

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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुवाई में रक्षा मामलों से संबंधित मंत्रिमंडलीय समिति ने अपनी बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी.

इस योजना के तहत 13 लाख सैन्यकर्मियों वाली सेना पश्चिम बंगाल के पानागढ़ में नई कोर का मुख्यालय खोल सकती है. बिहार एवं असम में उसके दो डिवीजन होंगे जबकि जम्मू कश्मीर के लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक अन्य इकाइयां होंगी.

सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एन ए के ब्राउन भी रक्षा मामलों से संबद्ध संसदीय समिति (सीसीएस) को संभावित स्पष्टीकरण देने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय में मौजूद थे. समिति में अन्य सदस्य रक्षा मंत्री ए के एंटनी, विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और वित्त मंत्री पी चिदम्बरम आदि हैं. इस योजना के मुताबिक वायुसेना भी पानागढ़ में हवा में ईंधन भरने वाले छह टैंकर और सी-130 जे हरक्यूलिस विशेष अभियान विमान जैसी चीजें तैनात करेगी.

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सेना ने वर्ष 2010 में ही इस संबंध में अपना प्रस्ताव भेजा था लेकिन सरकार ने यह कहते हुए उसे लौटा दिया था कि थल सेना, वायुसेना और नौ सेना-तीनों को उस क्षेत्र में अपनी क्षमता मजबूत करने की योजना पर साथ मिलकर काम करना चाहिए.

सेना को पूर्वोत्तर क्षेत्र में कई नये आर्म्ड और आर्टिलरी डिवीजन भी मिलेंगे.

बल में वर्तमान लड़ाकू कोर एक, दो और 21 कोर हैं जो पाकिस्तान की सीमा के समीप तैनात हैं. ये जमीन पर लड़ाई में निपुण हैं. नई कोर पर्वतीय लड़ाई में निपुण होगी.

सेना ने अगले सात साल में कोर आदि का गठन करेगी. वह चीन सीमा पर अपनी रक्षा मजबूत करने के लिए कई कदम उठा रही है और वह पहले ही दो डिवीजन बना चुकी है.

सेना चीनी क्षेत्र में बड़े सैन्य बुनियादी ढांचा आधुनिकीकण के आलोक में नियंत्रण रेखा पर तैनाती के लिए हल्के हावित्जर, हल्के टैंक, हेलीकॉप्टर खरीदने की भी योजना बना रही है. सेना और वायुसेना की पूर्वोत्तर क्षेत्र में बैलेस्टिक और क्रूज मिसाइल इकाइयां भी लगाने का विचार है. उन्होंने अपने विमानों और हेलीकॉप्टरों के लिए हेलीपैड और हवाई अड्डे भी चालू किए हैं.

सरकार ने नई कोर के गठन को ऐसे समय में मंजूरी दी है जब महज कुछ दिन बाद भारत और चीन के सीमा रक्षा सहयोग समझौते पर बातचीत करने की संभावना है.

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प्रस्तावित समझौते के तहत चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के समीप बुनियादी ढांचा विकास पर रोक लगाने का आह्वान किया था लेकिन भारत ने यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि वह सैन्य आधुनिकीकरण जारी रखेगा.

हाल के समय में दोनों देशों के सैनिक लद्दाख में कई बार एक दूसरे के आमने सामने आ चुके हैं. अप्रैल में चीनी सैनिक भारतीय सीमा में बहुत अंदर तक घुस आए थे और उन्होंने तीन सप्ताह तक अपने तंबू लगाए रखे थे. लंबी बातचीत के बाद चीनी सैनिक वापस अपने क्षेत्र में लौटे.

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