नियंत्रण रेखा (LOC) पर पाकिस्तान द्वारा बार-बार सीजफायर उल्लंघन के बढ़ते मामलों को लेकर प्रधानमंत्री ने चुप्पी तोड़ी तो उन्होंने अपने सियासी विरोधियों पर जमकर निशाना साधा. साथ ही बता दिया कि भारतीय सेना सीमा पर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे रही है. उन्होंने कहा कि जब मुद्दा सीमा पर पड़ोसी मुल्क द्वारा दुस्साहस की हो तो इसका जवाब नेताओं की बयानबाजी से नहीं, बल्कि जवानों द्वारा गोलियां से दी जाती है. उन्होंने कहा कि आज जब सीमा पर गोलियां चल रही हैं तब दुश्मन कराह रहा है. हमारे जवानों ने आक्रामकता का साहस के साथ जवाब दिया है. दुश्मन समझ गया है कि समय बदल गया है.
मोदी ने एनसीपी नेता शरद पवार के गढ़ बारामती में एक चुनावी भाषण में बड़ी बेबाकी से सीजफायर उल्लंघन मुद्दे पर अपनी बात रखी. इस दौरान उन्होंने शरद पवार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने इस मुद्दे पर राजनीतिक फायदा उठाने के लिए हो रही सियासी बयानबाजी की निंदा की.
मोदी ने कहा, 'सीमा पर तनाव है, पर नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र में हैं. अब उन्हें कौन बताए कि छत्रपति शिवाजी की भूमि से ज्यादा प्रेरणा कौन दे सकता है. मैं शरद पवार से पूछना चाहता हूं कि आप जब रक्षा मंत्री थे, तब पाकिस्तान और चीन से लगी सीमा पर समस्याएं थीं, तब क्या आपने सीमा पर जाने की जहमत उठाई थी. जब सीमा ललकारती है तब नेताओं की बयानबाजी नहीं होत. जवानोँ की उंगली चलती है ट्रिगर पर. जब सीमा पर तनाव होता है तब हिंदुस्तान नहीं रोता, रोना दुश्मनों को पड़ जाता है. सीमा पार से चीखें सुनाई देती हैं. मैं देश के जवानों को बधाई देता हूं क्योंकि उन्होंने हिम्मत हौंसले के साथ अपनी ताकत का परिचय दे दिया है. दुश्मन समझ गया है कि समय बदल गया है और पुरानी आदतें बर्दाश्त नहीं की जायेंगी. ऐसे मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.'
पवार पर और तीखा हमला करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आपके कार्यकाल में महाराष्ट्र में आतंकी हमले हुए थे. मुंबई, मालेगांव, पुणे में. आप आतंकवादियों तक पहुंच भी नहीं पाए थे, पकड़ना तो दूर की बात है. देशभक्ति की भावना के चलते हमने इस मुद्दे पर राजनीति नहीं की.’
उन्होंने कहा, ‘ऐसे मुद्दे राजनीतिक बहस का हिस्सा नहीं होने चाहिए. चुनाव आएंगे और जाएंगे.. सरकारें आएंगी और चली जाएंगी लेकिन कृपया राजनीतिक फायदे के लिए इस विषय पर बहस करके सीमा पर लड़ने वालों का मनोबल नहीं गिराएं.'