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तेलंगाना में जश्न, विरोध पर इस्तीफों का दौर, किरण रेड्डी भी इस्तीफा देने की तैयारी में

तेलंगाना विधेयक लोकसभा में पारित होने के साथ ही आंध्र प्रदेश के तेलंगाना क्षेत्र में जश्न का माहौल है तो दूसरी ओर सूबे के मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी अपने पद से इस्तीफा देने की तैयारी में हैं. तेलंगाना का विरोध कर रही वाईएसआर कांग्रेस ने विधेयक पारित होने के विरोध में बुधवार को बंद का ऐलान किया है. वाईएसआर कांग्रेस के प्रमुख और सांसद जगनमोहन रेड्डी ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, 'इस देश के इतिहास में यह एक काला दिन है.'

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तेलंगाना में जश्न
तेलंगाना में जश्न

तेलंगाना विधेयक लोकसभा में पारित होने के साथ ही आंध्र प्रदेश के तेलंगाना क्षेत्र में जश्न का माहौल है तो दूसरी ओर सूबे के मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी अपने पद से इस्तीफा देने की तैयारी में हैं.

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तेलंगाना का विरोध कर रही वाईएसआर कांग्रेस ने विधेयक पारित होने के विरोध में बुधवार को बंद का ऐलान किया है. वाईएसआर कांग्रेस के प्रमुख और सांसद जगनमोहन रेड्डी ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, 'इस देश के इतिहास में यह एक काला दिन है.'

वहीं, मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी इस्तीफा देने की तैयारी में हैं. किरण के करीबी एक मंत्री ने बताया, 'मुख्यमंत्री सुबह 10 बजकर 45 मिनट पर एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस को संबोधित करेंगे और उसके बाद राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन को अपना इस्तीफा सौंपने जाएंगे.' यह पूछे जाने पर कि क्या किरण नई पार्टी बनाएंगे, सत्यनारायण ने कहा, 'क्या किरण ने कभी उसके बारे में बोला है.' उन्होंने कहा, 'हम अखंड आंध्र प्रदेश के मुद्दे के प्रति वचनबद्ध हैं.' पहले ऐसी चर्चा थी कि संसद में आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक पर चर्चा शुरू होने पर मंगलवार को किरण रेड्डी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे.

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मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों ने बताया कि ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने सीमांध्र के कुछ सांसदों की सलाह पर अपनी योजना टाल दी है. बताया जाता है कि इस्तीफा मुद्दे पर तीन या चार कैबिनेट सहयोगी और कुछ विधायक ही उनका समर्थन कर रहे हैं. विभाजन के मुद्दे पर लड़ाई को किसी अंजाम तक नहीं पहुंचता देख उन्होंने इस्तीफा देने का मन बनाया है. सोमवार रात प्रशासनिक फेरबदल में अपने दो विशेष सचिवों को उनकी ड्यूटी से मुक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने बड़ा संकेत दिया कि वह अपनी राह पर बढ़ चुके हैं.

आंध्र प्रदेश में कांग्रेस को एक बड़ा झटका उस वक्त लगा जब राज्य के बुनियादी ढांचा और निवेश मंत्री जी श्रीनिवास राव ने राज्य के विभाजन के विरोध में सोमवार को अपने पद और पार्टी से इस्तीफा दे दिया. राव ने कहा, 'विभाजन का फैसला लोगों की इच्छा के विरूद्ध किया गया. विभाजन के बारे में राज्य पुनर्गठन आयोग, न्यायिक आयोग की नियुक्ति या विधानसभा प्रस्ताव जैसी राष्ट्रीय नीति या प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए था. उनमें से किसी का भी पालन नहीं किया गया.'

उधर, लोकसभा में विधेयक पारित होने के साथ ही तेलंगाना क्षेत्र में जश्न शुरू हो गया. हैदराबाद और वारंगल जैसे तेलंगाना के शहरों में उत्सव जैसा माहौल देखा गया और पृथक राज्य के समर्थकों ने पटाखे चलाए और मिठाइयां बांटी तथा विजय रैलियां निकालीं. समर्थक तेलंगाना में चर्चित गानों की धुनों पर नाच उठे. उस्मानिया विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में छात्र एकत्रित हुए और वे खुशी में झूम उठे. तेलंगाना में कुछ इलाकों में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की तस्वीर लेकर मिठाइयां बांटी. इन तस्वीरों में सोनिया को ‘तेलंगाना तल्ली’ (तेलंगाना मां) के तौर पर दिखाया गया.

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तेलंगाना संयुक्त कार्रवाई समिति के प्रमुख एम कोदानदरम ने कहा, 'तेलंगाना की जनता को बधाई. यह लंबे संघर्ष का नतीजा है. बुधवार को राज्यसभा में विधेयक पारित होगा. हम सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, भाजपा नेता सुषमा स्वराज, भाकपा महासचिव सुधाकर रेड्डी और पृथक तेलंगाना विधेयक का समर्थन करने वाले सभी लोगों को धन्यवाद देते हैं.'

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