कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को डॉ. भीमराव अम्बडेकर की जयंती पर प्रदेश की मायावती सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के जरिये दी जा रही आर्थिक मदद लखनऊ तक तो पहुंचती है लेकिन उसके बाद जिलों और गांवों तक नहीं पहुंच पा रही है.
उन्होंने कहा कि इससे गांव, गरीब और बेरोजगारों का भला नहीं हो रहा है. राहुल गांधी ने यहां कांग्रेस की 125वीं वषर्गांठ पर ‘जन चेतना यात्रा’ को हरी झंडी दिखाने के बाद उपस्थित जनसभा को संबोधित करते हुए मनरेगा योजना को दुनिया की सबसे बड़ी रोजगारपरक योजना बताते हुए कहा कि इससे सबसे ज्यादा फायदा गरीबों और दलितों को होता है.
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार इस योजना के तहत हजारों करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश सरकार को दे रही है लेकिन पता नहीं यह पैसा कहां जा रहा है. केन्द्र सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के साथ दोहरे मापदंड अपनाने के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि चाहे मनरेगा योजना हो अथवा बुंदेलखंड के विकास के लिए केन्द्र सरकार द्वारा हजारों करोड़ रुपये के पैकेज देने की बात हो, इस धनराशि का पैसा जमीन तक नहीं पहुंच पा रहा है. {mospagebreak}
उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि केन्द्र की यह धनराशि लखनउ तक तो पहुंच जाती है लेकिन अम्बेडकर नगर तक यह पैसा नही पहुंच पा रहा है. राहुल गांधी ने कहा कि देश में पैसे की कमी नहीं है, गरीब को विकास की मुख्य धारा से कैसे जोड़ा जाये यह एक अहम सवाल है. राहुल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में धर्म और जाति की राजनीति ने प्रदेश का बेड़ा गर्क कर दिया है और यही कारण है कि जो राज्य उत्तर प्रदेश से काफी पीछे थे, वे आगे निकल गये और उत्तर प्रदेश पीछे चला गया है.
राहुल ने कांग्रेस विरोधी सभी दलों को गांव और गरीब विरोधी करार देते हुए कहा कि देश में दो विचारधाराओं की राजनीति चल रही है एक तरफ कांग्रेस की विचारधारा है जो गांव और गरीब को आगे बढ़ाने और उनकी शक्ति बढ़ाकर देश की उन्नति के लिए काम करती है जबकि अन्य दलों की राजनैतिक विचारधारा शहर की अलग और गांव की अलग है. उन्होंने उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार पर हमला बोलते हुए इस सरकार को दलित और अंबेडकर विरोधी बताया. राहुल ने कहा कि मैं गांव में इसलिए जाता हूं कि देश की ताकत गांव और गरीबों मे बसती है जबकि इसका विरोध करने वालों का नजरिया शायद कुछ अलग है. {mospagebreak}
शिक्षा के अधिकार कानून के क्रियान्यवन को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जतायी जा रही आर्थिक मजबूरी का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना से सबसे अधिक भला दलितों का ही होने वाला है और बसपा सरकार कहती है कि सरकार के पास पैसा नहीं है. बुंदेलखंड का उल्लेख करते हुए राहुल ने कहा कि हजारों करोड़ रुपये का पैकेज यहां के विकास के लिए केन्द्र सरकार द्वारा दिया गया पर जमीन तक नही पहुंचा.
राहुल गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब धर्म और जाति की राजनीति को पीछे ढकेलकर कांग्रेस युवाओं को आगे लाकर ‘निर्माण’ की राजनीति करेगी और बेरोजगारी दूर करना हमारा पहला लक्ष्य होगा. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश की राजनीति अब इसी सवाल का जवाब तलाशने के आधार पर होगी. उन्होंने कहा कि जब हमने उत्तर प्रदेश में धीरे-धीरे सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ काम करना शुरू किया तो यह कहा गया कि कांग्रेस कही नहीं है पर जब लोकसभा के चुनाव परिणाम सामने आये तो लोग हैरान रह गये कि कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटें कैसे मिल गयी.
राहुल ने कहा कि लोकसभा चुनाव में सफलता कांग्रेस को इसलिए मिली क्योंकि हमने सही सवाल जनता के बीच जाकर उठाये और इन सवालों को हम आगे भी उठाते रहेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि हम युवा शक्ति को साथ लेकर प्रदेश में रोजगार लायेंगे और विकास कार्य भी करके दिखायेंगे ताकि आने वाले समय में प्रदेश की राजनीति इन्हीं मुद्दों के इर्दगिर्द बनी रहे. अंबेडकर जयंती के मौके पर बुधवार को राहुल गांधी ने कांग्रेस चेतना यात्रा का शुभारंभ भी किया. यह यात्रा प्रदेश के दस अलग अलग भागों से प्रदेश में धूमकर कांग्रेस के अतीत का इतिहास उपलब्धियों और भावी योजनाओं को जन जन तक पहुंचायेगी. राहुल द्वारा शुरू की गयी 10 कांग्रेस चेतना यात्राओं के लिए अलग-अलग प्रभारी नियुक्त किये गये हैं जिनके नेतृत्व में गुरुवार से ये यात्राएं पूरे प्रदेश में शुरू हो जायेंगी.