बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि नक्सल समस्या के समाधान के लिए समेकित विकास और सुरक्षाबलों को बेहतर करने में केंद्र सरकार को दिल खोलकर बिहार जैसे राज्यों की मदद करनी चाहिए.
नक्सल समस्या पर प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में नई दिल्ली में संपन्न बैठक में भाग लेकर पटना लौटे नीतीश ने पटना हवाई अड्डे पर पत्रकारों से कहा कि नक्सल समस्या के समाधान के लिए समेकित विकास और सुरक्षा बलों को बेहतर करने में केंद्र सरकार को दिल खोलकर बिहार जैसे राज्यों की मदद करनी चाहिए.
नीतीश ने कहा कि अब यह सभी लोग मानने लगे हैं कि नक्सलवाद की समस्या का निदान केवल बल प्रयोग से करना कठिन है और इसके लिए न्याय के साथ समेकित विकास को ही आधार बनाना होगा. उन्होंने कहा कि नक्सलवाद से निपटने को लेकर अपनी राय से समय-समय पर वे केंद्र को अवगत कराते रहे हैं पर उसी के आधार पर राज्य सरकार द्वारा प्रयास शुरू किया गया है. {mospagebreak}
नीतीश ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा नक्सल प्रभावित 67 पंचायतों में अपने संसाधनों से ‘आपकी सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम को शुरू किया गया है जिसके परिणाम और अनुभव बहुत ही अच्छे रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत विभिन्न विकास कार्य और कल्याणकारी योजनाओं जिसमें सड़क, बिजली, स्कूल एवं अस्पताल की उपलब्धता और इंदिरा आवास, वृद्धावस्था पेंशन, विकलांगता पेंशन आदि कार्यक्रम शामिल हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा नक्सलवाद की समस्या से निपटने के लिए अपने स्तर पर हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के ‘आपकी सरकार, आपके द्वार’ कार्यक्रम के जरिए राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की 67 पंचायतों में विकासोन्मुखी और कल्याणकारी विभिन्न योजनाओं को पूरी तरह कार्यान्वित किया गया.
नीतीश ने कहा कि उन्होंने केंद्र से भी अनुरोध किया था कि वह बिहार सरकार की इस योजना का अवलोकन एवं आकलन करे और अगर ठीक लगे तो उसे देश के अन्य भागों में भी लागू किया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब यह सभी स्वीकार करने लगे हैं कि नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास के आयामों को विस्तारित करते हुए उसके क्रियान्वयन में और भी तेजी लाई जाए तथा इसके लिए केंद्र सरकार भी विशेष जिला विकास कार्यक्रम या किसी और नाम से ऐसा कार्यक्रम शुरू करने जा रही है. {mospagebreak}
नक्सलवाद की समस्या पर उक्त बैठक को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में नीतीश ने कहा कि बिहार में केंद्रीय सुरक्षाबलों की मात्र 23 कंपनियां हैं, हमने इसे बढाए जाने का अनुरोध किया है पर केंद्र द्वारा उनके अनुरोध पर अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. नीतीश ने कहा कि बिहार सरकार ने अपने स्तर पर सेना के सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों को लेकर सैप का गठन किया है तथा इसे और बढ़ाने के लिए आयु सीमा में ढील दी गयी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस के आधुनिकीकरण के साथ-साथ बड़े पैमाने पर पुलिस में नियुक्तियां की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व में हुई नियुक्तियों के अलावा दो हजार पुलिस अवर निरीक्षकों और बारह हजार सिपाहियों की भर्ती की जा रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि निर्धारित मापदंडों के तहत योजना आयोग और वित्त आयोग द्वारा सभी राज्यों को दी जाने वाली राशि के अलावा और कौन सी ऐसी राशि है जो केंद्र को बिहार से मिल रही है और इसे नहीं देने का विकल्प क्या है.
उन्होंने कहा कि पिछली राजग सरकार ने झारखंड बंटवारे के बाद बिहार को प्रतिवर्ष एक हजार करोड़ रुपये की राशि देने का फैसला किया था और इस निमित्त किए जा रहे कार्य अभी अधूरे हैं इसलिए इसे अभी जारी रखा गया है. नीतीश ने कहा कि गत वर्ष हमने इसे बढ़ाकर दो हजार करोड़ रुपये करने का अनुरोध किया था पर इसे अब तक बढ़ाया नहीं गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव का समय है कांग्रेस के नेता और केंद्रीय मंत्रीगण यहां आकर जो कुछ भी बोल रहें हैं मीडिया उसे कवर कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आंकड़ों और तथ्यों के साथ अपना पक्ष रखती है और मीडिया को चाहिए कि केंद्र और राज्य के कथन का विश्लेषण कर असलियत लोगों के सामने रखे. नीतीश ने कहा कि गरीबी, बेरोजगारी और अशिक्षा के बावजूद बिहार के लोग राजनीतिक तौर पर अव्वल दर्जे के समझदार हैं. वे सब कुछ देख, सुन रहे हैं और समय आने पर अपनी समझ का परिचय देते रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि असलियत यह है कि बिहार में सभी क्षेत्रों में तेजी से काम हो रहा है, विकास दिख रहा है, माहौल बदला है और अन्य राजनीतिक दलों के लिए यही परेशानी का सबब बनता जा रहा है.