जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सैफुद्दीन सोज ने बुधवार को जोर दिया कि केंद्र पाकिस्तान और कश्मीर के अलगाववादियों के साथ बातचीत को लेकर गंभीर है ताकि सभी मुद्दों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाया जा सके.
सोज ने संवाददाताओं से कहा, ‘जहां तक बातचीत का सवाल है, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह वार्ता प्रक्रिया के बारे में काफी गंभीर हैं’. उन मीडिया खबरों के बारे में पूछने पर, जिनमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री की कश्मीर की आगामी यात्रा के दौरान एक बार फिर अलगाववादियों के साथ बातचीत की पेशकश रखी जायेगी, सोज ने कहा, ‘प्रधानमंत्री बातचीत को लेकर इच्छुक हैं. यह उनका दृढ़ मत है कि पाकिस्तान और अलगावादियों के साथ बातचीत होनी चाहिये’.
उन्होंने जोर दिया कि मुंबई में जो भी हुआ, उसके बावजूद पाकिस्तान के साथ बातचीत की पहल की गयी और यह प्रक्रिया जारी रहेगी. यह पूछने पर कि केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने घाटी में अपनी पिछली यात्रा के दौरान खामोशी से बातचीत करने का जो वादा किया था, उस पर प्रक्रिया आगे क्यों नहीं बढ़ पायी, सोज ने कहा, ‘बातचीत जारी है. नेता (हुर्रियत) उनके संपर्क में होंगे. मैंने भी प्रक्रिया में छोटा योगदान दिया है. ‘ट्रैक-2’ जारी है’.
जब एक संवाददाता ने कहा कि हुर्रियत ने दावा किया है कि पिछले चार महीने से कोई संपर्क नहीं किया गया है, सोज ने जवाब दिया, ‘अगर वे संतुष्ट नहीं हैं तो मैं उन्हें यह बात कहने के लिये मनाउंगा कि वे संतुष्ट हैं. मैं यह नहीं बता सकता कि किस तरह की बातचीत चल रही है’. उन्होंने कहा कि हुर्रियत को केंद्र की ओर से न्यौते का इंतजार नहीं करना चाहिये.
सोज ने कहा, ‘वे जिम्मेदार नेता हैं. मैं हुर्रियत नेताओं का सम्मान करता हूं और उनकी विचारधारा का भी सम्मान करना होगा. उनका एक नजरिया है, जिसे उन्हें बातचीत के दौरान जाहिर करना चाहिये’. प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने पार्टी की राज्य इकाई में कोई फूट होने या गठबंधन में सहयोगी दल नेशनल कांफ्रेंस के साथ किसी तरह के मतभेद होने का भी खंडन कर दिया.