केंद्र सरकार ने देश की महत्वाकांक्षी योजना 'चंद्रयान-2' को आज मंजूरी दे दी. चंद्रमा के बारे में अहम जानकारियां जुटाने के लिए यान को 2011-12 में लांच किए जाने की योजना है.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने 'चंद्रयान-2' को मंजूरी दे दी. भारत-रूस की संयुक्त योजना के तहत यान को भेजा जाएगा. वैज्ञानिक चंद्रमा की सतह के रसायनिक परीक्षण और वहां उपलब्ध अन्य संसाधनों के बारे में पता लगाने के लिए यान भेज रहे हैं.
योजना से जुड़े एक वैज्ञानिक ने बताया कि 'चंद्रयान-2' का मुख्य लक्ष्य रसायनिक विश्लेषण और संसाधनों के बारे में तथ्य हासिल करना है. भारत ने मिशन के लिए आरंभिक तकनीकी वार्ता शुरू कर दी है.
गौरतलब है कि 'चंद्रयान-1' इस साल के अंत तक छोड़ा जाना है. इसके कुछ ही समय बाद 2011-12 में 'चंद्रयान-2' लांच किए जाने की योजना है. गत वर्ष नवंबर में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मास्को यात्रा के दौरान इस मिशन के लिए समझौते हुए थे. 'चंद्रयान-2' के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और रूस की फेडरल स्पेस एजेंसी (रोस्कोस्मॉस) ने दस्तखत किए थे.