केंद्रीय कैबिनेट ने झारखंड में एक बार फिर राष्ट्रपति शासन लगाने की मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही वहां विधानसभा भी निलंबित कर दिया गया है.
राज्यपाल एम ओ एच फारुक ने केंद्र को राज्य के हालात के बारे में रिपोर्ट भेजा था. इसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. फारुक ने रांची में राज्य की बड़ी पार्टियों के साथ विचार विमर्श के बाद राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की.
राज्यपाल की रिपोर्ट के बाद मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक बैठक बुलाई गयी. झारखंड में 24 मई को भाजपा द्वारा समर्थन वापस ले लेने के बाद सोरेन की सरकार अल्पमत में आ गयी थी. भाजपा के 18 तथा सहयोगी दल जदयू के दो विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. 82 सदस्यीय सदन में बहुमत के लिए 42 विधायकों की जरूरत है.
लोकसभा में 27 अप्रैल को भाजपा द्वारा लाये गये कटौती प्रस्ताव की शिबू सोरेन द्वारा मुखालफत किये जाने के बाद भगवा पार्टी ने समर्थन वापसी का निर्णय किया था. कांग्रेस के पास 14 विधायक हैं वहीं इसकी सहयोगी पार्टी झारखंड विकास मोर्चा के पास ग्यारह.