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महिला सुरक्षा में फिसड्डी रही सरकार, निर्भया फंड भी नहीं हो पाया खर्च

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर देश में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सरकार द्वारा कई दावे किए गए. उसी बीच संसद में सरकार द्वारा दाखिल किए गए महिला सशक्तिकरण के जवाब की मानें तो केंद्र और राज्य सरकारें महिलाओं की सुरक्षा को लेकर फिसड्डी साबित हो रही है.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर देश में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सरकार द्वारा कई दावे किए गए. उसी बीच संसद में सरकार द्वारा दाखिल किए गए महिला सशक्तिकरण पर जवाब की मानें तो केंद्र और राज्य सरकारें महिलाओं की सुरक्षा को लेकर फिसड्डी साबित हो रही है.

केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा में दाखिल किए गए जवाब के मुताबिक, निर्भया फंड खर्च करने में सरकार नाकामयाब रही है. 'आप' राज्यसभा सांसद संजय सिंह द्वारा निर्भया फंड और वन स्टॉप हेल्प सेंटर पर उठाए गए सवाल के जवाब में महिला और बाल विकास कल्याण मंत्रालय के राज्य मंत्री ने एक आरटीआई के जवाब का जिक्र किया. इसके मुताबिक, निर्भया फंड में एकत्रित 3600 करोड़ रुपए में से अब तक सिर्फ 825 करोड़ रुपए ही खर्च हो पाए हैं.

केंद्र सरकार द्वारा आवंटित अलग-अलग राज्यों को निर्भया फंड के तहत राशियों का उपयोग करने में राज्य सरकारें भी नाकाम रही हैं. महिला और बाल विकास कल्याण मंत्रालय ने निर्भया फंड के तहत वन स्टॉप सेंटर बनाने की सलाह भी दी थी. इसमें एसिड अटैक विक्टिम समेत यौन शोषण से पीड़ित महिलाओं को भी पुलिस, कानूनी परामर्श और हर संभव मदद किए जाने का प्रावधान किया गया था.

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2015 में शुरू हुई वन स्टॉप सेंटर बनाने की योजना के लिए आबंटित 458 करोड़ रुपए में से इन 3 सालों में महज़ 81 करोड़ रुपए ही वितरित हो पाए हैं. देश भर में कुल 660 वन स्टॉप सेंटर महिलाओं की मदद के लिए बनाए जाने थे. लेकिन महिला राज्य और बाल विकास कल्याण मंत्रालय द्वारा दाखिल किए गए जवाब की मानें तो इन्हें बनाने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई. जवाब में कहा गया है कि अब तक महज 150 वन स्टॉप सेंटर के लिए ही निर्भया फंड सैंक्शन किया गया.

जवाब में दिल्ली महिला आयोग का भी जिक्र किया गया है और कहा गया है कि दिल्ली में इन वन स्टॉप सेंटर स्कोर दिल्ली महिला आयोग चलाएगा. केंद्रीय महिला बाल विकास कल्याण मंत्रालय की माने तो अकेले दिल्ली में ही 11 ऐसे वन स्टॉप सेंटर खोलने थे लेकिन उसमें से अभी सिर्फ एक ही शुरू हो पाया है.

2013 में निर्भया फंड की शुरुआत

दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद तत्कालीन सरकार ने साल 2013 में निर्भया के नाम पर एक फंड की शुरुआत की. इसके लिए प्रारंभिक तौर पर 100 करोड़ रुपए का बजट रखा. साल 2014-15 में निर्भया फंड के लिए 1000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए. साल 2016-17 और 2017-18 में निर्भया फंड को बढ़ाकर 550 करोड़ किया गया. लेकिन वहीं साल 2018-19 के बजट में निर्भया फंड को पिछले साल से घटाकर 500 करोड़ कर दिया गया.

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इस तरह निर्भया फंड में 5 सालों में लगभग 36 सौ करोड़ रुपए जमा हुए. लेकिन उसमें से 3409 करोड़ रुपए अब तक खर्च ही नहीं हो पाए हैं.

वन स्टॉप सेंटरके लिए राज्यों को फंड आवंटित

निर्भया फंड द्वारा वन स्टॉप सेंटर बनाने के लिए अलग-अलग राज्यों को फंड आवंटित किए गए लेकिन ज्यादातर ऐसे सेंटर्स या तो खुल नहीं पाए या फिर जिनके खुलने की शुरुआत भी नहीं हुई. इसलिए महिलाओं की सुरक्षा और उनकी अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए जनता की टैक्स की कमाई से आवंटित किए गए पैसे को खर्च ही नहीं किया गया. अलग-अलग राजनीतिक दलों द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण की बातें संसद में दाखिल महिलाओं से जुड़े असली सवाल के जवाब के सामने जुमले साबित हो रहे हैं.

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