कर्नाटक के ईगलटन रिज़ॉर्ट पर पिछले दिनों पड़े आयकर विभाग के छापे को लेकर कांग्रेस की शियाकत पर केंद्र सरकार ने चुनाव आयोग को अपना जवाब दे दिया है. केंद्र सरकार ने जवाब में कहा है कि आयकर विभाग ने छापेमारी में कुछ भी गलत नहीं किया. छापेमारी में अर्धसैनिक बल का इस्तेमाल करना या न करना विभाग का फैसला है. सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं.
दरअसल पिछले दिनों कर्नाटक के कांग्रेसी मंत्री डीके शिवकुमार के रिजॉर्ट पर आयकर ने छापेमारी की थी. आयकर विभाग ने दिल्ली और कर्नाटक स्थित 39 ठिकानों पर छापे मारे थे, जिसमें करीब 9.5 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई थी. शिवकुमार के जिस ईगलटन रिजॉर्ट पर छापा पड़ा था, उसमें गुजरात कांग्रेस के विधायक ठहरे हुए थे. राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी विधायकों को खरीद-फरोख्त से बचाने के लिए उन्हें बंगलुरु में रखा गया था. यही वजह है कि कांग्रेस ने आयकर विभाग की इस छापेमारी को केंद्र सरकार द्वारा की जाने वाली कार्यवाई बताई थी. इतना ही नहीं कांग्रेस ने चुनाव आयोग से इसकी सिकायत तक की रिजॉर्ट में ठहरे कांग्रेसी विधायकों को अर्ध सैनिक बल के द्वारा डराया और धमकाया गया है.
चुनाव आयोग ने कांग्रेस के आरोपों पर केंद्र सरकार के वित्त सचिव से तथ्यपरक रिपोर्ट देने को कहा गया था. इस पर केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय ने कर्नाटक में छापेमारी के मसले पर आयकर विभाग का बचाव किया है. सरकार ने अपने जवाब में आयकर विभाग द्वारा अर्ध सैनिक बल के उपयोग को सही ठहराया.सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार के मुताबिक छापेमारी के दौरान आयकर विभाग द्वारा अर्थ सैनिक बलों का इस्तेमाल करना असामान्य नहीं है.
दूसरी ओर वहीं गुजरात सरकार ने भी चुनाव आयोग को जवाब देते हुए कहा की कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य की जिम्मेदारी है. वह उसका उसको पूरा कर रही है. कांग्रेस विधायक और उनके परिजन को पूरी सुरक्षा दी गई है.
गौरतलब है कि 8 जुलाई को गुजरात के राज्यसभा 3 सीटों पर चुनाव है. इनमें से 2 सीटों पर भाजपा के सेनापति अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी लड़ रही है वही तीसरी सीट पर सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल राजसभा में वापसी की कोशिश में जुटे हैं. मगर इस चुनाव में रोजाना आ रहे नये मोड़ और छिड़े वाक्य युद्ध से यह साफ है कि दोनों पार्टियों ने इसको प्रतिष्ठा की लड़ाई मान लिया है.