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केन्द्र सरकार आम जनता के प्रति संवेदनहीन: सुषमा

केन्द्र सरकार को आम जनता के प्रति संवेदनहीन और दुविधाग्रस्त करार देते हुए लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने आज कहा कि मंहगाई के मुद्दे को लेकर भारत बंद के बाद अब उनकी पार्टी आगामी 26 जुलाई से शुरु हो रहे संसद सत्र में सभी दलों के साथ मिलकर सरकार को घेरेगी.

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केन्द्र सरकार को आम जनता के प्रति संवेदनहीन और दुविधाग्रस्त करार देते हुए लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने आज कहा कि मंहगाई के मुद्दे को लेकर भारत बंद के बाद अब उनकी पार्टी आगामी 26 जुलाई से शुरु हो रहे संसद सत्र में सभी दलों के साथ मिलकर सरकार को घेरेगी.

सुषमा स्वराज ने कहा कि लगभग सभी विपक्षी दलों ने भारत बंद का समर्थन किया है और अब आगामी संसद सत्र में सभी विपक्षी दलों के साथ मिलकर सरकार को घेरने की रणनीति तय की जायेगी. यह पूछे जाने पर क्या इस मुद्दे को लेकर केन्द्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जायेगा, सुषमा स्वराज ने कहा कि संसद सत्र के पहले राजग की बैठक होगी तथा उसके बाद सभी राजनीतिक दलों के साथ मिलकर रणनीति तय की जायेगी.

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केन्द्र सरकार को गरीबों के प्रति संवेदनहीन बताते हुए उन्होंने कहा कि पिछले चार माह में केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोलियम पदार्थो में वृद्धि की गयी है, जिससे आम आदमी पर बोझ बडा है और गृहणियों को घर चलाना दूभर हो गया है. सुषमा स्वराज ने कहा कि जब संप्रग की दोबारा सरकार बनी थी तो आम जनता की कृतज्ञता व्यक्त कर राहत देने के बजाय उन्हे मंहगाई का तोहफा दिया. विपक्ष की नेता ने कहा कि वित्त मंत्री का कहना है कि अर्थव्यवस्था भावनाओं से नहीं चलती, जबकि हमारा कहना है कि सरकार संवादनहीनता से भी नहीं चलती है.

सुषमा ने कहा कि यदि यही हाल रहा तो सरकार आम आदमी की बद दुआओं और आक्रोश से भस्म हो जायेगी. उन्होंने कहा कि भारत बंद से मंहगाई कम नहीं होगी, लेकिन यह उस सरकार को झकझोरने का काम तो करेगा जिसे दिखायी और सुनायी नहीं देता है. उन्होंने कहा कि दो साल पहले पेट्रोल का मूल्य अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डेढ सौ डालर प्रति बेरल था और आज उसकी कीमत 78 डालर प्रति बेरल हो गयी है और इससे पेट्रोल की कीमत 16.50 रुपये प्रति बेरल बैठती है, जबकि केन्द्रीय उत्पाद शुल्क व शीमा शुल्क एवं राज्य सरकार द्वारा लगाये गये विक्रय कर या वेट से यह कीमत 53 रुपये तक पहुंच गयी है.

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सुषमा स्वराज ने कहा कि तेल कंपनियों ने वर्ष 2019-10 में केन्द्र सरकार को 90 हजार करोड रुपये लाभांश के रुप में दिये थे और इस मूल्य वृद्धि के बाद सरकार को एक लाख बीस हजार करोड रुपये मिलेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार अपने बजट घाटे को आम आदमी से वसूल कर पूरा करना चाहती है. मध्यप्रदेश के दागी मंत्रियों के बारे में पूछे गये सवाल का जवाब देने से इंकार करते हुए सुषमा ने कहा कि आज उनकी पत्रकार वार्ता केवल मंहगाई और भारत बंद के मुद्दे पर है.

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