केन्द्र सरकार ने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट के कोल ब्लॉक्स आवंटन रद्द करने के फैसले का समर्थन करती है. सुप्रीम कोर्ट को दिए अपने जवाब मे केंद्र ने कहा कि मौजूदा हालात में शीर्ष कोर्ट का यह फैसला स्वाभाविक ही है.
सरकार ने कहा कि 46 ब्लॉक्स में से कुछ अभी चालू हैं और कुछ जल्द ही शुरू हो जाएंगे. उनके आवंटन में इस फैसले का ध्यान रखा जाएगा. केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि जिन कंपनियों को कोल ब्लॉक्स आवंटित किए गए थे, कोर्ट उनकी बात सुने बिना आवंटन रद्द न करे.
केन्द्र ने कोर्ट में कहा है कि इन 46 कोल ब्लॉक्स को कोल इंडिया को दिया जा सकता है या फिर 2-जी मामले की तरह नए सिरे से आवंटन की प्रकिया शुरू की जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने 1993 से 2010 तक स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा किए गए 218 कोल ब्लॉक्स के आवंटन को गैरकानूनी करार दिया था. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि आवंटन मनमाने ढंग से किया गया था और इसमे पारदर्शिता का ख्याल नही रखा गया.
चीफ जस्टिस आरएम लोढा की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह फैसला भी सुनाया था कि कोई भी राज्य सरकार अथवा सरकारी संस्थान कमर्शियल इस्तेमाल के लिए खनन नहीं कर सकते. कोर्ट ने कोल ब्लॉक्स के दोबारा आवंटन के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाने का सुझाव दिया है.