सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार और बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता समारोह को लेकर वीके सिंह की प्रतिक्रिया से खफा हैं. नेताओं का कहना है कि सिंह समारोह में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, ऐसे में उन्हें इस तरह की प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए थी.
गौरतलब है कि इस कार्यक्रम में कई अलगाववादी नेताओं ने भी शिरकत की थी. पाकिस्तान उच्चायोग से लौटते ही वीके सिंह ने ट्विटर पर लिखा कि वह समारोह में सिर्फ अपनी 'ड्यूटी' निभा रहे थे. दिलचस्प है कि इस ओर अपने आखिरी ट्वीट में सिंह ने कहा, ‘एक काम या कार्य जो एक व्यक्ति नैतिक या कानूनी कारणों से करने को बाध्य है.'
#DUTY
A task or action that a person is bound to perform for moral or legal reasons
— Vijay Kumar Singh (@Gen_VKSingh) March 23, 2015
#DUTY
The force that binds one morally or legally to one's obligations
— Vijay Kumar Singh (@Gen_VKSingh) March 23, 2015
#DUTY
A job or service allocated
— Vijay Kumar Singh (@Gen_VKSingh) March 23, 2015
#DISGUST
To sicken or fill with loathing
— Vijay Kumar Singh (@Gen_VKSingh) March 23, 2015
#DISGUST
To offend the moral sense, principles, or taste of
— Vijay Kumar Singh (@Gen_VKSingh) March 23, 2015
#'Disgust'ed to see how certain sections of the media are twisting this issue
— Vijay Kumar Singh (@Gen_VKSingh) March 23, 2015
इस समारोह में उच्चायोग की ओर से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी को भी न्योता दिया गया था. लेकिन दोनों ही समारोह में नहीं पहुंचे. हालांकि कांग्रेस की ओर से मणिशंकर अय्यर ने पार्टी में शिरकत की. मंगलवार सुबह कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने इस बाबत ट्विटर पर सिंह की आलोचना की. तिवारी ने लिखा कि मोदी सरकार के अन्य मंत्री समारोह में शामिल नहीं हुए, जबकि वीके सिंह इसे अपनी ड्यूटी बता रहे हैं. यह पाकिस्तान के साथ मोदी सरकार की दोहरी नीति को दिखाता है, वहीं कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया है, 'घृणित कत्वर्य, दम बिरयानी'.