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जलीकट्टू पर तमिलनाडु सरकार के अध्यादेश को केंद्र की मंजूरी

तमिलनाडु में जलीकट्टू से प्रतिबंध हटाने को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन और तमाम जानी-मानी हस्तियों के इसके समर्थन में आने के बाद अब केंद्र सरकार भी इसके रास्ते के अवरोध हटाने में लग गई है. केंद्र सरकार ने इस बारे में तमिलनाडु सरकार के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है.

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तमिलनाडु में जलीकट्टू
तमिलनाडु में जलीकट्टू

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तमिलनाडु में जलीकट्टू से प्रतिबंध हटाने को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन और तमाम जानी-मानी हस्तियों के इसके समर्थन में आने के बाद अब केंद्र सरकार भी इसके रास्ते के अवरोध हटाने में लग गई है. केंद्र सरकार ने इस बारे में तमिलनाडु सरकार के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है.

राष्ट्रपति को भेजा जाएगा मसौदा
तमिलनाडु सरकार ने पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम के कुछ प्रावधानों में संशोधन कर इसका मसौदा सुबह केंद्र सरकार के पास भेजा था. गृह मंत्रालय ने इस पर पर्यावरण मंत्रालय और कानून मंत्रालय की राय मांगी. दोनों मंत्रालयों ने इस पर अपनी सहमति दी. इसके बाद सरकार ने अंतिम मुहर के लिए इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया है. राष्ट्रपति इस समय बंगाल में हैं और वे रात में दिल्ली लौटेंगे और इस पर फैसला लेंगे.

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मई 2014 में लगा था प्रतिबंध
गौरतलब है कि तमिलनाडु में जलीकट्टू के आयोजन पर सर्वोच्च न्यायालय ने मई 2014 में प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद से ही लोग केंद्र सरकार से जलीकट्टू के आयोजन की अनुमति के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग कर रहे हैं.

बैन के खिलाफ मरीना बीच पर प्रदर्शन
राज्य में जलीकट्टू के समर्थन में प्रदर्शन की शुरुआत सोमवार को हुई थी, जिसके बाद कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया था. इसके बाद विरोध-प्रदर्शन और भड़क गया. मरीना बीच पर हजारों की तादाद में युवक-युवतियां शुक्रवार को भी प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं. लोग जलीकट्टू पर प्रतिबंध को तमिलनाडु की संस्कृति का अपमान बता रहे हैं. इसके लिए पशु अधिकार संगठन पीपुल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) भी उनके निशाने पर है.



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