केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई की आजादी पर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणियों के बाद हरकत में आ गई है सरकार. जांच एजेंसी को सरकार के चंगुल से आजाद करने की दिशा में केंद्र सरकार ने पहला कदम उठाया है. इसकी स्वायत्ता को लेकर मंत्री समूह (GoM) का गठन किया गया है. इस जीओएम की अध्यक्षता वित्त मंत्री पी चिदंबरम करेंगे.
चिदंबरम के अलावा गृह मंत्री सुशील शिंदे, कानून मंत्री कपिल सिब्बल और प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री नारायणसामी इस मंत्री समूह के सदस्य होंगे. वहीं सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा, सीवीसी प्रदीप कुमार और एटॉर्नी जनरल जी ई वाहनवती इस समूह के विशिष्ट सदस्य होंगे.
गौरतलब है कि कोयला घोटाले पर सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट में कानून मंत्री अश्विनी कुमार और पीएमओ के हस्तक्षेप को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि सीबीआई पिंजड़े में बंद तोते की तरह है जो अपनी मालिक की भाषा में बोलता है.
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि सीबीआई स्वतंत्र नहीं है ऐसे में वो निष्पक्ष जांच कैसे कर सकती है.
कोर्ट ने कहा, 'सीबीआई वो तोता है जो पिंजरे में कैद है. इस तोते को आजाद करना जरूरी है. सीबीआई एक स्वायत्त संस्था है और उसे अपनी स्वायत्ता बरकरार रखनी चाहिए. सीबीआई को एक तोते की तरह अपने मास्टर की बातें नहीं दोहरानी चाहिए.'
साथ ही सरकार को भी 10 जुलाई तक ये सुनिश्चित करने का आदेश दिया था कि सीबीआई के कामकाज में किसी का दखल न हो और वो पूरी आजादी के साथ जांच करे. गौरतलब है कि मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी.