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सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने पीएम केअर्स फंड का किया बचाव

एक जनहित याचिका के जवाब में सरकार ने पीएम केअर्स फंड बनाने के निर्णय का बचाव किया और कहा कि आपदा प्रबंधन कानून के तहत डिजास्टर मैनेजमेंट फंड बजट से जुड़ा प्रावधान है और इसमें किसी का निजी योगदान नहीं है.

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सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो
सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो

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  • पीएम केअर्स फंड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका
  • बजट से जुड़ा प्रावधान है डिजास्टर मैनेजमेंट फंड

सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने पीएम केअर्स फंड का बचाव किया है. केंद्र ने कहा है कि ऐसे फंड जो राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर आपदा से जुड़े होते हैं, उसमें अन्य डोनेशन जमा करने की मनाही नहीं है. एक जनहित याचिका के जवाब में सरकार ने पीएम केअर्स फंड बनाने के निर्णय का बचाव किया और कहा कि आपदा प्रबंधन कानून के तहत डिजास्टर मैनेजमेंट फंड बजट से जुड़ा प्रावधान है और इसमें किसी का निजी योगदान नहीं है.

याचिका में पूछा गया था कि जब पहले से एनडीआरएफ और पीएम रिलीफ फंड है तो अलग से केअर्स फंड बनाने की क्यों जरूरत पड़ी.

बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ देश में अलग-अलग मोर्चों पर जंग जारी है. इस चुनौती भरे समय में लोग मदद के लिए आगे आ सकें, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से ‘PM-Cares Fund’ की शुरुआत की गई, जिसमें कई उद्योगपतियों से लेकर आम लोगों ने मदद दी है. इस फंड का इस्तेमाल कोरोना से जुड़े खर्च में किया जा रहा है.

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दूसरी ओर, दिल्ली की साकेत कोर्ट ने निजामुद्दीन मरकज में शामिल होने वाले 76 विदेशी नागरिकों को जमानत दे दी. सभी लोगों को 10 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई. जिन नागरिकों को जमानत दी गई उनमें माली, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, नाइजर, तंजानिया, जिबूती और केन्या के लोग हैं. इससे पहले भी कई लोगों को इस मामले में जमानत मिल चुकी है.

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