केंद्र सरकार ने लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम(लिट्टे) के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंध को पांच साल तक के लिए बढ़ा दिया है. गृह मंत्रालय ने यह बैन तत्काल प्रभाव से लागू करने का आदेश दिया है. गृहमंत्रालय ने यह कदम गैरकानूनी गतिविधियां(रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत इस बैन को बढ़ाया है.
गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि लिट्टे की ओर से जारी हिंसा और विध्वंसकारी गतिविधियां भारत की एकता और अंखडता के लिए हानिकारक हैं. गृह मंत्रालय का कहना है कि लिट्टे का रुख भारत विरोधी है और यह संगठन भारत के नागरिकों के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है.
लिट्टे और तमिल टाइगर्स का गठन 1976 में वेलापुल्लई प्रभाकरण ने किया था. इस संगठन का मकसद स्वतंत्र तमिल राज्य की स्थापना के मकसद से किया गया था. गौरतलब है कि लिट्टे को भारत, ब्रिटेन, अमेरिका व यूरोपी संघ जैसे विभिन्न देशों में आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल किया जा चुका है.
लिबरेशन टाइगर्स तमिल ईलम एक अलगाववादी संगठन है जो उत्तरी श्रीलंका में स्थित है. शुरुआत में इस संगठन का मकसद पूर्वी श्रीलंका में एक स्वतंत्र तमिल राज्य की स्थापना करना था. श्रीलंका में वर्षों तक चले गृह युद्ध के लिए यही संगठन जिम्मेदार है.
श्रीलंका की सेना ने 2009 में लिट्टे संगठन को हरा दिया था. प्रभाकरण ने लिट्टे को मामूली हथियारों के 50 से कम लोगों के समूह से 10 हजार लोगों के प्रशिक्षित संगठन में तब्दील कर दिया था जो एक देश की सेना से टक्कर ले सकता था.