महंगाई पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार ने कमर कस ली है. आज हुई मंत्रियों की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि जमाखोरों पर कड़ी कार्रवाई होगी. केंद्र सरकार जरूरत की 22 चीजों पर नजर रखे हुए है.
जेटली ने बढ़ती महंगाई के लिए आंशिक तौर पर व्यापारियों द्वारा खाद्य पदार्थों का भंडार रोके जाने को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि केंद्र आपूर्ति संबंधी बाधाओं को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके साथ ही उन्होंने राज्यों से कहा है कि वे सटोरियों पर काबू पाने के लिए जमाखारों के खिलाफ कड़े कदम उठाएं.
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकारों को जमाखोरी के खिलाफ प्रभावी कदम उठाने चाहिए. उन्होंने कहा, 'सरकार ऐसे कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है जिससे जीडीपी पर सकारात्मक असर पड़ेगा. मुझे उम्मीद है कि फिलहाल ऊपर की ओर जा रही मुद्रास्फीति धीरे धीरे नीचे आएगी.' डॉलर की तुलना में रुपये में कमजोरी के बारे में जेटली ने कहा कि सरकार घरेलू मुद्रा में उतार चढ़ाव पर करीबी निगाह रखे है.
केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से जमाखोरों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है. इस रिपोर्ट की डेडलाइन 13 जून थी लेकिन सूत्रों के मुताबिक अभी तक एक भी राज्य सरकार की तरफ से यह रिपोर्ट नहीं दी गई है. बताया जाता है कि डीलरों और छोटे विक्रेताओं के बीच गठजोड़ है. महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश में तो हालात बेहद खराब है. दिल्ली सरकार प्याज की कीमतों पर नजर बनाए हुए है और कीमतें बढ़ने की स्थिति में जरूरी कदम उठाए जाएंगे.
केंद्रीय खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मंत्री राम विलास पासवान ने कहा है कि महंगाई पर काबू पाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. सरकार किसी कीमत पर मुद्रास्फीति बढ़ने नहीं देगी.
गौरतलब है कि आलू और मोटे अनाज आदि की कीमतों में तेजी से मई में थोक मुद्रास्फीति पांच महीने के उच्च स्तर 6.01 प्रतिशत पर पहुंच गई. इसे देखते हुए केंद्र ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे जमाखोरी के खिलाफ प्रभावी कदम उठाए क्योंकि कुछ लोग कमजोर मानसून की आशंका को देखते हुए भंडार रोक रहे हैं.
विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि मानसून सामान्य से कम रहने की आशंका, इराक में राजनीतिक तनाव तथा तेल कीमतों में वृद्धि से आने वाले समय में मुद्रास्फीति और बढ़ सकती है.
बहाने ढूंढ रही केंद्र सरकार: कांग्रेस
कांग्रेस ने आज वित्त मंत्री अरुण जेटली पर उनकी उस टिप्पणी के लिए निशाना साधा जिसमें उन्होंने मंहगाई के लिए जमाखोरी को आंशिक रूप से जिम्मेदार बताया है. पार्टी ने कहा कि सरकार काम न न कर पाने और वादे के अनुरूप अच्छे दिन ला पाने में अपनी असमर्थता के लिए बहाने ढूंढने का प्रयास कर रही है.
कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने यह भी कहा कि बीजेपी जब विपक्ष में थी तो वह यह दावा किया करती थी कि सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि हो रही है और कहा कि क्या सरकार अब भी वैसा ही सोच रही है, जब वह सत्ता में है.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते लोकसभा में अपने पहले संबोधन में कहा था, ‘‘हमने महंगाई काबू में करने का वादा किया है. इस लक्ष्य को हासिल करने का हमने संकल्प लिया है.’’ सरकार सामान्य से कम मानसून का खाद्य कीमतों पर असर से निपटने के लिए आपात योजना तैयार कर रही है.