स्वायत्तता को लेकर अब सीबीआई और सरकार में ठन गई है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर सीबीआई के कई अहम सुझावों को खारिज कर दिया है. जांच एजेंसी को स्वायत्त बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के कहने पर सीबीआई ने ये सुझाव दिए थे.
केंद्र ने उस सुझाव का विरोध किया है जिसमें सीबीआई निदेशक का कार्यकाल बढ़ाकर तीन साल करने की बात कही गई है. सरकार इसे दो साल ही रखना चाहती है. केंद्र ने सीबीआई के इस रुख का भी विरोध किया, जिसमें कहा गया है कि जवाबदेही आयोग की कोई जरूरत नहीं है और बाहरी निगरानी अनिवार्य है. केंद्र ने वरिष्ठ अधिकारियों की जांच की मंजूरी के लिए सीवीसी के नेतृत्व में स्वतंत्र समिति के बारे में भी सीबीआई के रुख का विरोध किया है.
सीबीआई की आजादी के लिए आंदोलन छेड़ने वाले आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल का कहना है कि सरकार के रुख से उन्हें कोई हैरानी नहीं है.
गौरतलब है कि सीबीआई में सरकारी दखलंदाजी की शिकायत के बाद देश की सुप्रीम कोर्ट ने जब केंद्रीय जांच एजेंसी को पिंजरे में बंद तोता कहा था तो आनन-फानन में सरकार ने हलफनामा दाखिल कर जांच एजेंसी की स्वायत्तता का रोडमैप जारी किया था. लेकिन चंद दिनों बाद ही केंद्र की मंशा सवालों में आ गई है. केंद्र के हलफनामे पर सुप्रीम कोर्ट में 6 अगस्त को सुनवाई होगी.