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निजता के अधिकार पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, डाटा सुरक्षा के लिए बनाई कमेटी

निजता के अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज हुई सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि आम लोगों के डेटा प्रोटेक्शन के लिए कानून बनाने के लिए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा की अध्यक्षता में दस लोगों की कमेटी का गठन कर दिया है.

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UIDAI
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निजता के अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज हुई सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि आम लोगों के डेटा प्रोटेक्शन के लिए कानून बनाने के लिए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा की अध्यक्षता में दस लोगों की कमेटी का गठन कर दिया है. कमेटी मे UIDAI के सीईओ को रखा गया है.

कमेटी आधार इस मामले मे गाइडलाइंस बनाएगी कि डेटा प्रोटेक्शन के लिए आज के दौर मे क्या क्या उपाय किए जाने की जरूरत है. दरअसल, इसके आधार पर ही केंद्र सरकार को डेटा प्रोटेक्शन एक्ट बनने मे मदद मिलेगी.

पिछली सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने पूछा था कि UIDAI के पास लोगों के डेटा को सुरक्षित रखने के क्या क्या उपाय हैं? जिस पर आज कोर्ट को बताया गया है कि इस मामले मेx कमेटी का गठन कर लिया गया है.

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राइट टू प्राइवेसी केस में सुप्रीम कोर्ट के नौ जजों की संविधान पीठ सुनवाई कर रही है. एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान कहा कि आज के डिजिटल दौर मै राइट टू प्राइवेसी जैसा कुछ नहीं बचा है.

राइट टू प्राइवेसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई बुधवार तक पूरी होने की उम्मीद है. इस पर कोर्ट कल अपना फैसला सुरक्षित रख सकता है. इस पर कोर्ट का फैसला अगस्त में ही आना है क्योंकि 9 जजों की संविधान पीठ की अध्यक्षता कर रहे CJI केहर इसी महीने रिटायर हो रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट को अपने आदेश में यह साफ करना है कि राइट टू प्राइवेसी किसी व्यक्ति का मौलिक अधिकार है या नहीं.

 

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