जल्द ही केंद्र सरकार खादी को एक नए अवतार में पेश करने की योजना बना रही है. इसका मकसद खादी को एक अंतरराष्ट्रीय ब्रांड की तरह पेश करना है. सरकार अब खादी को 'हरित वस्त्र' के नाम से पहचान दिलाएगी.
निजी कंपनियों से की जाएगी साझेदारी
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री गिरिराज सिंह ने योजना से संबंधित एक प्रस्ताव प्रधानमंत्री को भेजा है. इसके मुताबिक सरकार खादी के उत्पादन और उसकी मार्केटिंग के लिए प्राइवेट टेक्सटाइल मिल्स से साझेदारी करेगी. इसके लिए कुछ कंपनियों से बातचीत भी की गई है. अगले एक महीने के अंदर इसपर रिपोर्ट आ जाएगी. अरविंद मिल्स और LEVI'S पहले से ही खादी का इस्तेमाल जीन्स बनाने के लिए कर रहे हैं.
विदेशों में रह रहे भारतीयों को लुभाना है मकसद
मंत्रालय के मुताबिक उनका मकसद इस योजना के जरिए विदेशों में रह रहे तकरीबन 2.5 करोड़ भारतीयों को लुभाना है. इसके अलावा देश भर के 7000 से ज्यादा खादी दुकानों को रिवैंप करने की भी योजना है. कई मार्केट रिसर्च से यह सामने आ चुका है कि अकेले भारत में ही खादी के उत्पाद 40 हजार करोड़ रुपये का बाजार खड़ा कर सकते हैं. इस सर्वे में बताया गया है कि अगर स्कूल यूनिफॉर्म, रेलवे होटल आदि में खादी का उपयोग हो तो यह आंकड़ा छूना संभव है.