भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को कहा कि भारत को मुद्रास्फीति में वृद्धि का सामना करना पड़ा है और बैंक के सामने मूल्य स्थिरता से समझौता किए बिना सुधार प्रक्रिया का समर्थन करने की चुनौती है.
केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति में मार्च अंत 2010 तक मुद्रास्फीति के 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया. रिजर्व बैंक के गवर्नर डी सुब्बाराव ने संवाददाताओं से कहा कि भारत सहित दुनिया भर में अब ध्यान संकट प्रबंधन से हटकर सुधार प्रबंधन पर हो गया है.
हालांकि भारत के लिए नीतिगत परिस्थितियां अलग हैं. उन्होंने कहा, 'अधिकांश अन्य देशों के समक्ष मुद्रास्फीति की तात्कालिक चुनौती नहीं है जबकि भारत में मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी का संकट है.' सुब्बाराव ने संकेत दिया कि मुद्रास्फीति का संकट आपूर्ति संबंधी बाधाओं से है और मुख्यत: खाद्य कीमतों से चालित है.