Uttarakhand Chamoli Glacier Burst: उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने से बड़ी तबाही हुई है. ये ग्लेशियर रैणी गांव के पास टूटा है. इस हादसे के बाद आईटीबीपी, NDRF और SDRG की टीमें मुस्तैदी से राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं. ग्लेशियर फटने से जहां कई लोगों की मौत हुई है तो वहीं एनटीपीसी और ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट को भारी नुकसान हुआ है. एनटीपीसी का ये एक ड्रीम प्रोजेक्ट था, जिसके लिए राज्य और केंद्र दोनों सरकारें काम कर रही थीं.
वहीं, जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने से धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई, जिसके चलते अब पानी आगे बढ़ रहा है. आसपास के इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने की आशंका जताई गई है, लिहाजा आसपास के इलाकों से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है. हालांकि, इस बीच एक राहत की खबर है. राज्य के डीजीपी ने बताया कि नदी का बहाव अब सामान्य है. निचले इलाकों में खतरा नहीं है.
उधर, हादसे के बाद डैम का पानी रोका गया है, ऐसे में अगर नदी का जलस्तर और बढ़ता है और पानी छोड़ना पड़ा तो मुसीबत बढ़ सकती है. फिलहाल अभी ऋषिकेष में नदीं किनारे बने कैंपों को खाली कराया जा रहा है.
इससे पहले कहा जा रहा था कि हालत बिगड़ने पर टिहरी बांध के गेट खोलने पड़ सकते हैं, ऐसे में निचले इलाकों में पानी आने की आशंका जताई गई थी. लेकिन नदी का बहाव अब सामान्य है. ऐसे में मैदानी इलाकों में कोई खतरा नहीं है. हालांकि, सरकार ने हालातों से निपटने के लिए पुख्ता तैयारियां की हैं. हेल्प लाइन नंबर भी जारी किए गए हैं. वायुसेना भी रेस्क्यू के लिए तैयार है.
बता दें कि उत्तराखंड को नदियों के राज्य के तौर पर जाना जाता है. डैम बनाकर बिजली उत्पादन के लिए ये क्षेत्र काफी अहम मन जाता है. ऐसे में चमोली में ग्लेशियर फटने से डैम को नुकसान होना बड़ी हानि है. क्योंकि उत्तराखंड से ही यूपी समेत कई राज्यों के लिए बिजली जाती है. लेकिन अब डैम को नुकसान होने से बिजली उत्पादन पर असर पड़ सकता है.
उधर, चमोली हादसे के बाद श्रीनगर, ऋषिकेश और हरिद्वार में अलर्ट है. उत्तराखंड के CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घटना स्थल पर पहुंच स्थिति की जानकारी ली है. यूपी की सरकार ने भी अलर्ट जारी किया है.