भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए आज ऐतिहासिक दिन है. आज रात डेढ़ से ढाई बजे चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग चंद्रयान - 2 उतरेगा. हर किसी को इस 'सॉफ्ट लैंडिंग' का बेसब्री से इंतजार है. विक्रम लैंडर की लैंडिंग का गवाह बनने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसरो के केंद्र में मौजूद होंगे.
इस ऐतिहासिक पल से कुछ घंटे पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) चीफ के सिवन ने कहा कि हम एक ऐसी जगह पर उतरने जा रहे हैं, जहां इससे पहले कोई नहीं गया था. हम सॉफ्ट लैंडिंग के बारे में आश्वस्त हैं. हम रात का इंतजार कर रहे हैं.
Indian Space Research Organisation (ISRO) Chairman K Sivan to ANI on #Chandrayaan2Landing: We're going to land at a place where no one else has gone before. We're confident about the soft landing. We're waiting for tonight. (File pic) pic.twitter.com/rfBLWnKgJp
— ANI (@ANI) September 6, 2019
चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर अगर सॉफ्ट लैंडिंग में कामयाब रहता है तो रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा. साथ ही भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश भी बन जाएगा.
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विक्रम लैंडर शुक्रवार-शनिवार की आधी रात एक से दो बजे के बीच चांद पर उतरने के लिए नीचे की ओर चलना शुरू करेगा और डेढ़ से ढाई बजे के बीच यह पृथ्वी के उपग्रह के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा. प्रधानमंत्री मोदी खुद इस ऐतिहासिक लम्हे को देखने के लिए इसरो के बेंगलुरु केंद्र में मौजूद रहेंगे. उनके साथ 60-70 स्कूली बच्चे भी होंगे जिन्होंने क्विज प्रतियोगिता के जरिए लैंडिंग का सीधा प्रसारण देखने का मौका हासिल किया है.
विक्रम लैंडर की कक्षा 35 किलोमीटर गुणा 101 किलोमीटर की है. इसरो का कहना है इस ऑपरेशन के साथ ही विक्रम लैंडर के चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए जरूरी ऑर्बिट प्राप्त कर ली गई है. विक्रम चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सात सितंबर को तड़के डेढ़ बजे से ढाई बजे के बीच उतरेगा.