चंद्रयान-2 अपनी खूबियों की वजह से दुनिया भर की वैज्ञानिक बिरादरी को अपना मुरीद बना गया है. अंतरिक्ष कार्यक्रम में चीन भले ही भारत का प्रतिद्वंदी रहा हो, लेकिन चीन के लोगों ने इसरो की कोशिश की तारीफ की है और कहा है कि इसरो के वैज्ञानिकों को बिना थके कोशिश जारी रखनी चाहिए.
7 सितंबर को भारत के चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम लैंडिंग के आखिरी क्षणों में कमांड रूम से संपर्क खो बैठा. विक्रम लैंडर का संपर्क जब इसरो के कमांड सेंटर से टूटा उस वक्त विक्रम लैंडर चांद की सतह से मात्र 2.1 किलोमीटर दूर था.
हालांकि विक्रम लैंडर अपने मिशन से भटक गया, लेकिन नासा समेत दुनिया भर की स्पेस एजेंसियों ने भारतीय वैज्ञानिकों की तारीफ की है. चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म साइना वीबो पर लोगों ने भारत के इस अभियान की तारीफ की. एक यूजर ने लिखा, "अंतरिक्ष के रहस्यों की खोज में हम सभी शामिल हैं, कोई भी देश अगर इस क्षेत्र में कामयाब होता है तो उसकी तारीफ की जानी चाहिए यहां वे भी बधाई के पात्र हैं जिन्हें अस्थायी असफलता मिली है."
चीन की सरकार मीडिया एजेंसी ग्लोबल टाइम्स ने अपने सोशल मीडिया यूजर्स के हवाले से लिखा है कि भारत के वैज्ञानिकों ने शानदार कोशिश की है. एक यूजर ने कहा है, 'हम सभी गड्ढे में हैं, लेकिन हममें से कुछ लोग आसमान में सितारों की ओर देख रहे हैं. जो भी देश शिद्दत के साथ अंतरिक्ष में खोज की कोशिश रहे हैं, वे हमारी ओर से सम्मान और तारीफ के हकदार हैं.' चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक वैज्ञानिक के हवाले से लिखा कि चंद्रयान के ऐटिट्यूड कंट्रोल थ्रस्टर (ACT) का कंट्रोल न हो पाना भी संपर्क टूटने की वजह हो सकती है.
बता दें कि इसरो ने कहा है कि हो सकता है कि विक्रम लैंडर क्रैश लैंड हुआ हो. इसरो के वैज्ञानिकों का दावा है कि विक्रम से संपर्क स्थापित करने की कोशिशें जारी है.