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संसद में गूंजा गडकरी की जासूसी का मुद्दा, राजनाथ सिंह बोले, 'कोई केस दर्ज नहीं'

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की कथित जासूसी मामले की गूंज बुधवार को संसद में भी सुनाई दी. जेडीयू, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने प्रश्नकाल स्थगित करने की मांग की. जवाब में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जासूसी के आरोप में कोई सच्चाई नहीं है और मामले में कोई केस भी दर्ज नहीं किया गया है.

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Nitin Gadkari Bugging issue
Nitin Gadkari Bugging issue

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की कथित जासूसी मामले की गूंज बुधवार को संसद में भी सुनाई दी. जेडीयू, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने प्रश्नकाल स्थगित करने की मांग की. जवाब में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जासूसी के आरोप में कोई सच्चाई नहीं है और मामले में कोई केस भी दर्ज नहीं किया गया है. हंगामे के चलते राज्यसभा 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई.

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विपक्ष ने गडकरी की कथित जासूसी को मुद्दा बनाने और इस बहाने मोदी सरकार को घेरने की तैयारी पहले ही कर ली थी. गडकरी अपने घर में जासूसी उपकरण मिलने से जुड़ी खबर का खंडन कर चुके हैं, लेकिन कांग्रेस ने इस पर संसद में सफाई और जांच की मांग कर दी थी.

बीजेपी विपक्ष की तैयारियों से वाकिफ थी, इसलिए सदन की कार्यवाही से पहले पार्टी के आला नेताओं ने मिलकर बचाव की रणनीति बनाई. सूत्रों के मुताबिक, राजनाथ सिंह, वेंकैया नायडू, सुषमा स्‍वराज, रविशंकर प्रसाद और नितिन गडकरी की बैठक में इस पर चर्चा की गई.

गौरतलब है कि वाशिंगटन पोस्ट में छपी खबर में दावा किया गया था कि गडकरी के घर से अत्याधुनिक जासूसी उपकरण बरामद किया गया था. गडकरी के सरकारी बंगले 13 तीन मूर्ति लेन में हाई पावर लिसनिंग डिवाइसेज़ मिले थे, जो काफी एडवांस्ड हैं. कांग्रेस ने इसे सरकार के मंत्रियों के बीच अविश्वास का सबूत बताया था.

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गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी दो दिन पहले सरकार से संसद में सफाई की मांग की थी. वहीं संदीप दीक्षित ने इसे सरकार की मंत्रियों के बीच भरोसी की कमी बताया था.

हालांकि परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को ट्वीट करके कहा कि जासूसी उपकरण मिलने की बात को महज 'अटकलबाजी' बताया था.

 

 

मनमोहन ने इफ्तार पार्टी में संवाददाताओं से कहा था, ‘अगर मंत्रियों के निवास की जासूसी होती है, तो यह शुभ संकेत नहीं है. इसकी जांच होनी चाहिए. यह कैसे हो सकता है? सरकार को इस पर संसद में स्पष्टीकरण देना चाहिए.’

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