दिल्ली की एक अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता सज्जन कुमार और अन्य के खिलाफ बुधवार को हत्या और दंगा के आरोप तय किए जिसमें सुल्तानपुरी में छह लोग मारे गए थे.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनीता गुप्ता ने कांग्रेस नेता और अन्य के खिलाफ प्रथम दृष्टया साक्ष्य पाते हुए 23 अगस्त से गवाहों के बयान दर्ज करने का फैसला किया. अदालत ने इसी माह एक जुलाई को इस मामले में आरोपपत्र दाखिल करने का आदेश दिया था. आरोप पत्र के दाखिल करने से फौजदारी मामले में सुनवाई की शुरूआत के लिए मार्ग प्रशस्त हो गया था.
सज्जन कुमार, ब्रह्मनानंद गुप्ता, पेरू, कुशल सिंह और वेद प्रकाश के खिलाफ हत्या और दंगे के अलावा दो समुदायों के बीच दुश्मनी बढ़ाने के आरोपों में आरोप पत्र दाखिल किया. सीबीआई ने 2005 में दर्ज दंगा मामलों के संबंध में न्यायमूर्ति जी. टी. नानावती आयोग की सिफारिश पर 13 जनवरी को कुमार और अन्य के खिलाफ दो आरोपपत्र दाखिल किए थे.
मौजूदा मामला तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्तूबर 1984 को हत्या के बाद उत्तर-पश्चिम दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में छह लोगों की हत्या से संबंधित है. अदालत पहले ही कुमार और उनके भतीजे बलवंत खोक्कर, गिरधारी लाल और कैप्टन भागमल से जुड़े एक अन्य मामले में गवाहों के बयानात दर्ज करना शुरू कर चुकी है.