मुद्रास्फीति की मजबूती पर अंकुश लगा दिया. थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित सकल मुद्रास्फीति जनवरी में मामूली गिरावट के साथ 8.23 प्रतिशत रह गई. हालांकि, फल एवं सब्जियों के दाम में अभी भी मजबूती बनी हुई है."/> मुद्रास्फीति की मजबूती पर अंकुश लगा दिया. थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित सकल मुद्रास्फीति जनवरी में मामूली गिरावट के साथ 8.23 प्रतिशत रह गई. हालांकि, फल एवं सब्जियों के दाम में अभी भी मजबूती बनी हुई है."/> मुद्रास्फीति की मजबूती पर अंकुश लगा दिया. थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित सकल मुद्रास्फीति जनवरी में मामूली गिरावट के साथ 8.23 प्रतिशत रह गई. हालांकि, फल एवं सब्जियों के दाम में अभी भी मजबूती बनी हुई है."/>
गेहूं और चीनी के घटते दाम ने मुद्रास्फीति की मजबूती पर अंकुश लगा दिया. थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित सकल मुद्रास्फीति जनवरी में मामूली गिरावट के साथ 8.23 प्रतिशत रह गई. हालांकि, फल एवं सब्जियों के दाम में अभी भी मजबूती बनी हुई है.
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने जनवरी में सकल मुद्रास्फीति में एक महीना पहले की तुलना में 0.20 प्रतिशत की गिरावट आने पर कहा कि मार्च तक यह और घटकर सात प्रतिशत पर आ जायेगी. एक महीना पहले दिसंबर में सकल मुद्रास्फीति 8.43 प्रतिशत रही थी.
उधर, आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि मुद्रास्फीति अभी भी रिजर्व बैंक के पांच से छह प्रतिशत के अनुमानित दायरे से काफी ऊपर है, ऐसे में केन्द्रीय बैंक 17 मार्च को आने वाली मध्य तिमाही समीक्षा में नीतिगत दरों में और वृद्धि कर सकता है. जनवरी के मुद्रास्फीति के आंकडों के अनुसार थोक मूल्यों में हुई घटबढ़ के मुताबिक चीनी एक साल पहले की तुलना में करीब 15 प्रतिशत सस्ती हो गई. {mospagebreak}
दालों में 12.78 प्रतिशत और गेहूं का दाम करीब पांच प्रतिशत नीचे बोला जा रहा है. आलू के दाम भी सवा प्रतिशत तक नीचे बोले जा रहे हैं. हालांकि, आंकड़े बताते हैं कि आम आदमी को अभी ज्यादा राहत नहीं है. उसके रोजमर्रा के इस्तेमाल की कई वस्तुओं के दाम अभी भी ऊंचे बने हुये हैं. दूध, सब्जियां और कई तरह के फलों के दाम उच्चसतर पर हैं.
सब्जियों के दाम एक साल पहले की तुलना में अभी भी 65 प्रतिशत तक ऊंचे हैं. पिछले साल की तुलना में प्याज के दाम दोगुने के करीब हैं जबकि फलों में 15 प्रतिशत की मजबूती बनी हुई है. अंडा, मांस और मछली के दाम भी 15 प्रतिशत तक ऊंचे बोले जा रहे हैं.
वित्त मंत्री ने कहा, ‘मैं उम्मीद कर रहा हूं कि मार्च अंत तक मुद्रास्फीति सात प्रतिशत के आसपास होगी.’ उन्होंने कहा कि आने वाले महीने में मुद्रास्फीति वैश्विक घटनाक्रम और उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में आने वाले उतार चढ़ाव पर निर्भर करेगी. इसका भी असर होगा कि कच्चे तेल का विश्व बाजार कैसा व्यवहार करता हैं. जनवरी में ईंधन और ऊर्जा के दाम में भी 11.41 प्रतिशत की मजबूती रही. {mospagebreak}
इस दौरान पेट्रोल के दाम में 27.37 प्रतिशत तक की तेजी रही है. पेट्रोल, डीजल और दूसरे पेट्रोलियम उत्पादों के दाम यदि अंतर्राष्ट्रीय बाजार के अनुरूप बढ़ाये गये तो इस समूह में और तेजी आ सकती है. कच्चे तेल के दाम हाल ही में 100 डालर प्रति बैरल से उपर निकल गये थे. देश में पिछले एक साल से मुद्रास्फीति की दर काफी ऊंची बनी हुई है और यह 8 प्रतिशत से ऊपर चल रही है.
हालांकि, यह काबिले गौर है कि नवंबर 2010 में मुद्रास्फीति के शुरुआती आंकड़े 7.48 प्रतिशत जारी किये गये थे, संशोधित अनुमान में यह बढ़कर 8.08 प्रतिशत हो गये. रिजर्व बैंक पिछले एक साल से महंगाई को काबू में रखने के लिये नकदी की स्थिति पर लगातार शिकंजा कसे हुये है.
विशेषज्ञों का मानना है कि केन्द्रीय बैंक आने वाले दिनों में मौद्रिक नीति में और सख्ती कर सकता है. प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सी. रंगराजन ने कहा, ‘मुद्रास्फीति के मौजूदा स्तर को देखते हुये रिजर्व बैंक को कदम उठाना होगा. यह अभी भी उच्चस्तर पर है, इस दिशा में केन्द्रीय बैंक को कदम उठाना चाहिये.’