बेमौसम बरसात और बाढ़ की आपदा झेल रहे चेन्नई में गुरुवार को भी स्थिति भयावह बनी हुई है. कई इलाकों में बिजली काट दी गई है तो दवाओं, खाने की सामग्री से लेकर पीने के पानी की कमी से चेन्नई वासी जूझ रहे हैं. कई लोग जरूरी दस्तावेज खो जाने की भी शिकायत कर रहे हैं. मुश्किल की इस घड़ी में यहां आधा लीटर दूध खरीदने के लिए भी लोगों को 100 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं.
गुरुवार को भी शहर में दूध की भारी किल्लत हो गई. सड़कों के जलमग्न होने के कारण शहर में इसकी आपूर्ति आम दिनों के मुताबिक नहीं हो पाई है. इस कारण कुछ इलाकों में आधा लीटर दूध खरीदने के लिए भी लोगों कों 100 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं.
निजी क्षेत्र के एक कर्मचारी टीई एन सिम्हन ने बताया कि वह बाढ़ से प्रभावित कई इलाकों में से एक पश्चिमी मम्बलम में रहने वाले अपने रिश्तेदार से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं. शहर में 40 फीसदी से ज्यादा फोन कनेक्शन काम नहीं कर रहे हैं.
सिम्हन ने कहा, 'वह नियमित अंतराल पर इंसुलिन का इंजेक्शन लेते हैं. मैं नहीं जानता कि उनके पास यह इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में है या नहीं. मैं उनके पास जाने में असमर्थ हूं.' इसी तरह अशोक स्तंभ के समीप जफ्फर्खनपेट मुहल्ले में सैकड़ों लोग राहत और बचाव का इंतजार कर रहे हैं.
पीने के पानी का संकट
एक अन्य निवासी ने बताया, 'वहां मेरा एक मित्र अपनी पत्नी और छोटे से बच्चे के साथ रहता है. उनके घर में पानी भरने के कारण वे अपने मकान के पहले तल पर और फिर पानी और अधिक ऊपर चढ़ने पर दूसरे तल पर चले गए. टेलीफोन सेवाएं बाधित होने के कारण मैं नहीं जानता कि अब वे किस हाल में हैं.'
बाढ़ प्रभावित इलाकों में रहने वालों के लिए पीने के पानी और खाने की कमी सबसे बड़ी समस्याएं हैं. अदयार नदी के पास के मोहल्ले के लक्ष्मण ने कहा, 'चारों ओर पानी ही पानी है, लेकिन पीने के पानी की एक बूंद भी नहीं है. जरूरी दस्तावेज, पहचान पत्र, राशन कार्ड और बहुत सी अन्य चीजें पानी में बह गई हैं.'
-इनपुट IANS से