एनसीपी ने छगन भुजबल को उप मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है. एनसीपी के पार्टी प्रमुख शरद पवार ने यह ऐलान किया. गृह मंत्रालय भी भुजबल के ही जिम्मे होगा.
छगन भुजबल महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता है और वह पहले भी डिप्टी सीएम की कुर्सी संभाल चुके हैं. शिवसेना से राजनीतिक करियर शुरु करने के बाद छगन भुजबल ने 1991 में कांग्रेस में शामिल हुए थे. लेकिन शरद पवार के अलग पार्टी बनाने पर भुजबल भी एनसीपी में शामिल हो गए. 1999 में उन्होने डिप्टी सीएम की कुर्सी संभाली. लेकिन एक टीवी चैनल पर हमले के बाद उन्हे 2003 में डिप्टी सीएम पद छोड़ना पड़ा. वे देशमुख सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री रह चुके हैं. भुजबल ने दो मराठी फिल्में देवत और नवारा बायको भी बनाई है. बीच में तेलगी मामले में भी उनका नाम जुड़ा था.
गौरतलब है कि मुंबई में आतंकवादी हमलों के बाद उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री आर आर पाटील को इस्तीफा देना पड़ा था.
उधर महाराष्ट्र में नये मुख्यमंत्री के चयन को लेकर सियासी घमासान पर कांग्रेस आलाकमान ने ब्रेक लगाने की कोशिश की है. सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद ए के एंटनी ने कहा कि पार्टी इस मामले में किसी तरह की ब्लैकमेलिंग बर्दाश्त नहीं करेगी. इससे पहले खबर आई थी कि कांग्रेस नेता नारायण राणे को अशोक चव्हाण के नाम पर ऐतराज है और उन्होंने चव्हाण के मातहत काम नहीं करने की धमकी दी है.
ऐसे में पार्टी ने राणे को कड़ा संदेश दिया है कि वो पार्टी में रहने या बाहर होने के बारे में खुद फैसला कर लें. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पहले विलासराव देशमुख और अब अशोक चव्हाण के खिलाफ बागी तेवर जाहिर करनेवाले राणे क्या रणनीति बनाएंगें.