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बिहार में मिडडे मील की आई एफएसएल रिपोर्ट, खाने में तय सीमा से पांच गुना ज्यादा था कीटनाशक

छपरा मिड-डे मील हादसे की प्रारंभिक फोरेंसिक जांच रिपोर्ट में खाने में ऑरगेनो फॉस्फोरस होने की पुष्टि हो गई है. यह एक कीटनाशक है. हादसे का शिकार हुए बच्चों के शरीर में भी यही कीटनाशक पाया गया था.

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मिड डे मील
मिड डे मील

छपरा मिड-डे मील हादसे की प्रारंभिक फोरेंसिक जांच रिपोर्ट में खाने में ऑरगेनो फॉस्फोरस होने की पुष्टि हो गई है. यह एक कीटनाशक है. हादसे का शिकार हुए बच्चों के शरीर में भी यही कीटनाशक पाया गया था.

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बिहार के एडीजी (हेडक्वाटर्स) रवींद्र कुमार ने कहा, 'फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट से ये बात सामने आई है कि मोनोप्रोटोफॉस ऑर्गेनिक फास्फोरस पाया गया है. इसका प्रयोग खेती में किया जाता है और इंसानों के लिए यह जहरीला होता है. यह तेल में पाया गया है.'

उन्होंने कहा कि अभी हम सबूत जुटा रहे हैं फिर दोषी को पकड़ेंगे. यह कह पाना मुश्किल है कि तेल में यह गलती से मिला या इसके पीछे कोई साजिश है.

इससे पहले गुरुवार को बिहार के प्रधान सचिव ने खाने में तेल की जगह कीटनाशक डाल दिए जाने की आशंका जाहिर की थी. उन्‍होंने बताया था कि खाना बनाते वक्‍त कड़ाही में तेल डालते ही उसमें से काला धुआं निकला था. साथ ही उसका रंग भी काफी अजीब था.

प्रधान सचिव ने माना था कि स्कूल प्रशासन से कई स्तरों पर लापरवाही हुई. रसोइए ने तेल के रंग और रिएक्शन को लेकर शिकायत की थी, लेकिन उसे गंभीरता से नहीं लिया गया. इतना ही नहीं, मिड-डे मील को बच्चों को परोसने से पहले नियम के मुताबिक चखकर भी नहीं देखा गया था. इस हादसे में 23 बच्चों की मौत हो गई थी.

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