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छत्तीसगढ़: सरकार से नाराज पुलिसकर्मी, 25 जून को परिजनों का महाधरना

पुलिसकर्मियों की वर्षों पुरानी मांगों के पूरी न होने पर रायपुर में 25 जून को पुलिसकर्मियों के परिजनों का महाधरना होने वाला है. अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि कई पुलिसकर्मी बगावती तेवर अपनाकर इस धरना प्रदर्शन में शामिल हो सकते हैं. लिहाजा ऐसे बगावती तेवर अपनाने वाले पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के निर्देश राज्य के गृह मंत्रालय ने दिए हैं. इस निर्देश पर दर्जन भर रिटायर्ड पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी भी हुई है. शेष पुलिसकर्मियों की तलाश जारी है.  

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प्रदर्शन करते पुलिसकर्मियों के परिजन
प्रदर्शन करते पुलिसकर्मियों के परिजन

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तीतर के आगे दो आगे तीतर, तीतर के पीछे दो तीतर, आगे तीतर पीछे तीतर बोलो कितने तीतर? कुछ इसी तरह की पहेली को सुलझाने की माथापच्ची में छत्तीसगढ़ पुलिस के आला अफसर और राज्य का गृह मंत्रालय जुटा हुआ है. दरअसल पुलिसकर्मियों के एक आंदोलन को दबाने और कुचलने के लिए पुलिसकर्मियों की ही मदद ली जा रही है.

पुलिसकर्मियों की वर्षों पुरानी मांगों के पूरी न होने पर रायपुर में 25 जून को पुलिसकर्मियों के परिजनों का महाधरना होने वाला है. अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि कई पुलिसकर्मी बगावती तेवर अपनाकर इस धरने-प्रदर्शन में शामिल हो सकते हैं. लिहाजा ऐसे बगावती तेवर अपनाने वाले पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के निर्देश राज्य के गृह मंत्रालय ने दिए हैं. इस निर्देश पर दर्जन भर रिटायर्ड पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी भी हुई है. शेष पुलिसकर्मियों की तलाश जारी है.

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पुलिसकर्मियों के बगावती तेवर से सकते में बीजेपी सरकार

छत्तीसगढ़ में पुलिसकर्मियों के बगावती तेवर से राज्य की बीजेपी सरकार सकते में है. वेतन भत्तों और सुविधाओं को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस के जवान गृहविभाग की नीतियों से खासे नाराज हैं. उनकी दलील है कि सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों की सुख-सुविधाओं का ध्यान रखा लेकिन उन्हें दरकिनार कर  दिया गया.

पुलिसकर्मियों ने अपनी नाराजगी जाहिर कर पहले अपने परिजनों को सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतारा है. उन्होंने जिला मुख्यालयों और पुलिस लाइन में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उनका आरोप है कि सरकार देश दुनिया बदल रही है लेकिन पुलिसकर्मियों की हालत नहीं.

उन्हें न तो सरकारी छुट्टी मिलती है और न ही पर्याप्त वेतन भत्ते. चौबीस घंटे काम लेने के बावजूद पुलिस विभाग उन्हें न तो कोई सुविधा देता है और न ही रहने के लिए एक अदद आशियाना. ऐसे में पुलिसकर्मियों के परिवार के घर खर्च से लेकर बच्चों की पढ़ाई लिखाई राम भरोसे है. पुलिसकर्मियों के आंदोलन की आग जिला दर जिला पूरे प्रदेश में फैलती जा रही है. आंदोलन के पहले चरण में पुलिसकर्मियों के परिजनों ने सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू किया. राज्य के दर्जन भर जिलों में पुलिसकर्मियों के परिजनों ने गृह मंत्रालय की नीतियों के खिलाफ जमकर हमला बोला.

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25 जून को महाधरना

पुलिसकर्मियों के परिजन रायपुर में 25 जून को गृह मंत्रालय और सरकार के खिलाफ महाधरना देंगे. इस दिन पुलिसकर्मियों के हड़ताल में शामिल होने की खबर के बाद सरकार पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों के ब्रेनवाश में जुट गई है. पुलिस ने इस आंदोलन को भड़काने के आरोप में आधा दर्जन रिटायर्ड पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार भी किया है. पुलिसकर्मियों के बगावती तेवर को देखते हुए सरकार सकते में आ गई है. लिहाजा विद्रोह करने वाले पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की जिम्मेदारी पुलिस को सौंपी गई है.

इस पर अमल करते हुए दर्जन भर रिटायर्ड पुलिसकर्मियों को विभिन्न जिलों में गिरफ्तार किया गया है. सरकार को अंदेशा है कि पुलिस के जवान विद्रोह और बगावत कर आम सरकारी कर्मचारियों की तर्ज पर सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर सकते हैं और लंबी हड़ताल पर भी जा सकते हैं.

इससे सरकार की फजीहत तो होगी ही गृहमंत्रालय की साख़ पर भी बट्टा लगेगा. सरकार ने 25 जून को आयोजित धरने को गैरवाजिब करार दिया है. उधर पुलिसकर्मियों के परिजनों का धरना प्रदर्शन लगातार तेज हो रहा है. राजनांदगांव, बेमेतरा, बालोद, दुर्ग, भिलाई, धमतरी के बाद राज्य के कई शहरों में पुलिसकर्मियों के परिजनों के आंदोलन की आग फैलती जा रही है. कई रिटायर्ड और सेवा में मौजूद पुलिसकर्मी अपनी मांगों को लेकर बगावती तेवर अपना रहे हैं. सरकार भी पुलिस  परिजनों के आंदोलन को रोकने के लिए चौतरफा घेराबंदी कर रही है.

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राज्य के गृह मंत्रालय ने संदेही पुलिसकर्मियों के खिलाफ पुलिस राजद्रोह एक्ट 1922 की गैरजमानतीय धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध करने के निर्देश दिए हैं. ऐसे पुलिसकर्मियों की धर पकड़ के लिए DGP, ADGP, SSP, SP, CSP, DSP और इंस्पेक्टरों को एक दूसरे की खोजबीन के काम में लगा दिया गया है. विद्रोह करने वाले पुलिसकर्मियों की सुचना इंटेलिजेंस विभाग को देने की हिदायत दी गई है.

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