छत्तीसगढ़ के नलबंदी शिविरों में ऑपरेशन कराने वाली महिलाओं की तबीयत बिगड़ने का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है. बिलासपुर जिले के मरवाही ब्लॉक के करीब 6 गावों में नलबंदी कराने वाली 58 महिलाओं की भी तबीयत बिगड़ गई है. इन महिलाओं का ऑपरेशन सोमवार को ही किया गया था.
बीमार महिलाओं का बिलासपुर के सिम्स मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है. इससे पहले भी बिलासपुर जिले के ही कानन पेंडारी गांव में नलबंदी कराने के बाद अब तक 12 महिलाओं की मौत हो गई थी. इसके अलावा बिलासपुर में गौरेला के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में एक घंटे मे 26 महिलाओ की नलबंदी कर दी गई जिसमें 6 महिलाओं की हालत गंभीर है. इनमें से 2 विशेष संरक्षित जनजाति बैगा से है जिनके संरक्षण और विकास के लिए सरकार कोशिश कर रही है.
गौरतलब है कि बिलासपुर नलबंदी कांड पर रमन सरकार की किरकिरी हो रही है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस दिया है, जबकि मानवाधिकार आयोग ने भी राज्य सरकार से 2 हफ्तों के भीतर रिपोर्ट मांगी है. आरोप है कि महज 6 घंटे के भीतर 83 महिलाओं का संक्रमित औजारों से ऑपरेशन किया गया. बिलासपुर पहुंची एम्स के डॉक्टरों की टीमने भी जांच में पाया है कि ऑपरेशन कराने वाली महिलाओं की किडनी फेल हो गई थी.