पुलिस बल अब तक के सबसे घातक हमले में नक्सलवादियों ने मंगलवार सुबह छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में पुलिस बल के वाहन को विस्फोट कर उड़ा दिया और गोलियों की बौछार की, जिससे सीआरपीएफ के 75 जवानों की मृत्यु हो गई तथा सात अन्य घायल हो गए.
राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के चिंतलनार और टारमेटला गांव के बीच नक्सलियों ने आज सुबह करीब छह बजे सीआरपीएफ के दल पर घात लगाकर हमला कर दिया जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के असिस्टेंट कमांडेंट मीणा और डिप्टी कमांडेंट सत्यवान समेत 75 पुलिस कर्मी शहीद हो गए. मरने वालों में जिला पुलिस बल का हवलदार भी शामिल है.
क्या नक्सलियों के साथ राज्य और केंद्र सरकार नरमी बरत रही है?
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और जिला बल का संयुक्त दल नक्सल विरोधी अभियान में पिछले तीन दिनों से जंगल में था. अभियान के दौरान आज सुबह पुलिस बल के जवान तारमेटला और चिंतलनार गांव के जंगल के करीब पहुंचे तो नक्सलियों ने उनपर घात लगाकर हमला कर दिया.
उन्होंने बताया कि घायलों को घटना स्थल से बाहर निकालने के लिए एंटी लैण्ड माइन वाहन भेजा गया, लेकिन नक्सलियों ने उसे भी विस्फोट कर उड़ा दिया. बताया जा रहा है कि इसमें चालक सवार था जो हमले में शहीद हो गया.
अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों ने हमला जारी रखा और इस दौरान इंप्रोवाईस्ड एक्स्प्लोसिव डिवाइस (आईईडी) से लगातार विस्फोट करते रहे.{mospagebreak}
अधिकारियों ने बताया कि लगभग एक हजार की संख्या में नक्सलियों के अचानक हमले में जवान चारों ओर से घिर गए और उन्होंने इस दौरान नक्सलियों का मुकाबला भी किया. हालंकि इस दौरान किसी भी नक्सली के मारे जाने की सूचना नहीं है.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही घटनास्थल से लगभग चार किलोमीटर दूर चिंतलनार पुलिस पोस्ट और अन्य स्थानों से अतिरिक्त पुलिस बल रवाना किया गया तथा घायलों को घटनास्थल से बाहर निकालने की कार्रवाई शुरू की गई. इधर लगभग पांच घंटों तक गोलीबारी करने के बाद नक्सली वहां से फरार हो गए. यह भी जानकारी मिली है इस दौरान नक्सली पुलिस जवानों के हथियार भी अपने साथ ले गए.
उन्होंने बताया कि घटनास्थल से घायलों को बाहर निकालने और पुलिस बल की मदद के लिए हेलीकाप्टर भी रवाना किया गया तथा शवों और घायलों को निकालने की कार्रवाई शुरू की. अभी तक घटनास्थल से 75 जवानों का शव बरामद किया गया है. वहीं सात घायलों में से तीन को रायपुर रवाना किया जा रहा है.{mospagebreak}
राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री रमन सिंह राजधानी में एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे और घटना की जानकारी मिलते ही वह वहां से रवाना हो गए तथा उच्चाधिकारियों की बैठक लेकर राज्य के पुलिस महानिदेशक विश्वरंजन और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के विशेष महानिदेशक विजय रमन से घटना के बारे में जानकारी ली. बैठक के बाद विश्वरंजन और विजय रमन घटना स्थल के लिए रवाना हो गए. अधिकारियों ने बताया कि घटनास्थल से पुलिस जवानों के शवों और घायलों को निकालना भी चुनौती भरा काम है क्योंकि यह धुर नक्सली प्रभावित क्षेत्र है और नक्सलियों ने वहां जगह जगह बारूदी सुरंग बिछा रखी हैं.
गौरतलब है कि राज्य में यह सबसे बड़ा नक्सली हमला है जिसमें भारी संख्या में पुलिस बल के जवानों की मृत्यु हुई है. इससे पहले वर्ष 2007 में नक्सलियों ने बीजापुर जिले के रानीबोदली पुलिस पोस्ट पर हमला कर 55 पुलिस जवानों को मौत के घाट उतार दिया था तथा वर्ष 2005 में दंतेवाड़ा जिले के एर्राबोर क्षेत्र में नक्सली हमले में पुलिस के 30 जवान शहीद हो गए थे.
वहीं पिछले साल जुलाई महीने में नक्सलियों ने पुलिस दल पर जबरदस्त हमला कर दिया था. जिसमें दल का नेतृत्व कर रहे राजनांदगांव जिले के पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार चौबे समेत 29 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे.
राज्य में अभी नक्सलियों के खिलाफ संयुक्त अभियान जारी है तथा भारी संख्या में पुलिस बल राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हैं.