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11 जून से आंदोलन कर सकते हैं छत्तीसगढ़ के किसान, शाह बोले- अधूरे वादों का जिक्र ना छेड़ो

अमित शाह छत्तीसगढ़ में बीजेपी को चौथी बार जीत दिलाने का रोडमैप तय करने आए हैं. बीजेपी के हेड ऑफिस में विधायकों और सांसदों के साथ बैठक के दौरान शाह ने दो-टूक कहा कि जो वायदा पूरा ना किया जा सके उसका जिक्र ना किया जाए.

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अब छत्तीसगढ़ के किसान करेंगे आंदोलन?
अब छत्तीसगढ़ के किसान करेंगे आंदोलन?

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मध्य प्रदेश के बाद अब छत्तीसगढ़ के किसान भी बीजेपी से नाराज लग रहे हैं. यहां के किसान संगठनों ने 11 जून से रमन सिंह सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है. किसानों का कहना है कि राज्य सरकार ने पिछले चुनाव के दौरान किये वायदों को पूरा नहीं किया है.

अमित शाह निकालेंगे हल?
हालांकि आंदोलन पर आमादा किसान मुख्यमंत्री रमन सिंह के साथ बातचीत कर रहे हैं. कुछ किसान नेताओं ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी मुलाकात की है. शाह तीन दिनों के छत्तीसगढ़ प्रवास पर हैं. लेकिन मुलाकातों के बावजूद किसानों की समस्या सुलझने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है.

वादों से किया किनारा
अमित शाह छत्तीसगढ़ में बीजेपी को चौथी बार जीत दिलाने का रोडमैप तय करने आए हैं. बीजेपी के हेड ऑफिस में विधायकों और सांसदों के साथ बैठक के दौरान शाह ने दो-टूक कहा कि जो वायदा पूरा ना किया जा सके उसका जिक्र ना किया जाए. जब पार्टी विधायक शिवरतन शर्मा ने पिछले विधानसभा चुनाव में किसानों को दिये आश्वासनों पर खरा ना उतरने की शिकायत की तो उन्हें चुप रहने को कहा गया. शाह ने उनसे कहा कि जो नहीं कर पाए उसकी बात ना करें और जो किया है उसे जनता के बीच लेकर जाएं.

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वादे जो वादे ही रह गए..
पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने छत्तीसगढ़ के किसानों से धान का समर्थन मूल्य 1200 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2100 रुपये प्रति क्विंटल करने का वायदा किया था. इसके अलावा प्रति क्विंटल बोनस भी 270 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये करने का भरोसा दिलाया गया था. रमन सिंह ने सत्ता की हैट्रिक बनाई. लेकिन मौजूदा कार्यकाल के तीन साल पूरे होने पर भी ये वायदे हकीकत नहीं बने हैं.

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