छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी इस बार गणतंत्र दिवस पर आयोजित समारोह में शामिल तो जरूर होंगे, लेकिन राज्यपाल का अभिभाषण सुनने के बाद अगर सम्मान निधि को लेकर घोषणा नहीं हुई तो स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सम्मान ग्रहण नहीं करेंगे और समारोह से वापिस लौट जायेंगे.
नाराजगी की वजह यह है कि मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की स्वीकृति के बाद भी संबंधित विभाग ने छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को बढ़ी हुई सम्मान निधि देने का सर्कुलर अभी तक जारी नहीं किया है. छत्तीसगढ़ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संघ के अध्यक्ष डॉ महादेव प्रसाद पांडे का कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार ने अपने स्थापना दिवस पर वहां के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की सम्मान निधि 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपए कर दी. इस बात को संज्ञान में लाते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को सुझाव दिया था कि चूंकि छत्तीसगढ़ तत्कालीन मध्य प्रदेश का हिस्सा रहा है, यहां भी सेनानियों की सम्मान निधि उसी के मुताबिक बढ़ाई जाए. मुख्यमंत्री रमन सिंह ने सम्मान निधि बढ़ाने का वादा किया और संबंधी विभाग को निर्देश भी दिए लेकिन आज तक उस पर अमल नहीं हुआ है.
छत्तीसगढ़ में कुल 17 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी है. इनमें सभी की उम्र 80 से 90 साल के बीच है. उन्हें राज्य शासन की ओर से वर्तमान 15 हजार रुपए बतौर सम्मान निधि मिलती होती है. गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के समारोह में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को हाथों-हाथ लिया जाता है. अपनी सम्मान राशि 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार किए जाने को लेकर सेनानी कई बार सरकार के अधिकारियों से फरियाद कर चुके हैं लेकिन लालफीताशाही इस कदर हावी है कि उनकी दब कर रह गई.