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तो आखिर इस खूंखार नक्सली को चप्पल ने मौत के पास बुला ही लिया

दरअसल, इसी साल फरवरी महीने में आईटीबीवी जवानों को राजेश दुग्गा के एक गांव में होने की सूचना मिली थी. जिसके बाद जवानों ने उसकी पकड़ के लिए ऑपरेशन चलाया. मगर, उस दौरान राजेश दुग्गा किसी तरह बचकर फरार हो गया.

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8 महीने से थाने में थे चप्पल
8 महीने से थाने में थे चप्पल

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छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित राजनांदगांव जिले में ITBP जवानों ने बुधवार रात मुठभेड़ में तीन इनामी नक्सलियों को ढेर कर दिया. इन तीनों को कोपेंकड़का क्षेत्र के जंगल में मारा गया. इस ऑपरेशन में राजेश दुग्गा नाम का नक्सल कमांडर भी सुरक्षाबलों की गोलियों का शिकार हो गया.

मुठभेड़ के बाद जब इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस ने ऑपरेशन की जानकारी तो कुछ हैरान करने वाली बातें सामने आईं. उन्होंने बताया कि 'ऐसा लगा जैसे राजेश के चप्पलों ने ही उसे मौत के पास वापस बुला लिया'.

दरअसल, इसी साल फरवरी महीने में आईटीबीवी जवानों को राजेश दुग्गा के एक गांव में होने की सूचना मिली थी. जिसके बाद जवानों ने उसकी पकड़ के लिए ऑपरेशन चलाया. मगर, उस दौरान राजेश दुग्गा किसी तरह बचकर फरार हो गया.

राजेश दुग्गा तो फरार हो गया, मगर जहां उसका ठिकाना था, वहां से एके-47, एक कार्बाइन और आठ नंबर के काले चप्पल बरामद किए गए थे. ये सभी सामान तब से ही क्षेत्रीय थाने में रखा हुआ था.

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चप्पल से की गई शव की आखिरी शिनाख्त

बुधवार रात जब जवानों का ऑपरेशन खत्म हो गया तो शवों को कब्जे में लिया गया. इस दौरान जब शवों की शिनाख्त की गई तो राजेश दुग्गा के उन चप्पलों का भी इस्तेमाल किया गया. जानकारी के मुताबिक, आठ महीने से थाने में पड़े 8 नंबर के काले चप्पलों को राजेश के पैरों में डालकर भी उसकी शिनाख्त की गई.

ITBP के अधिकारियों के मुताबकि तीनों नक्सली बस्तर क्षेत्र के रहने वाले थे और इन पर लाखों का इनाम था.

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