छत्तीसगढ़ के नसबंदी शिविरों में ऑपरेशन कराने वाली अभी तक 13 महिलाओं की मौत हो चुकी है, जबकि 58 महिलाओं की हालत बिगड़ गई है. इस पूरे मामले के आरोपी डॉक्टर आर के गुप्ता को छत्तीसगढ़ के बलोदा बाजार जिले से बुधवार शाम को गिरफ्तार किया गया. डॉक्टर गुप्ता को 26 जनवरी के मौके पर इसी साल हेल्थ मिनिस्टर अमर अग्रवाल ने 50 हजार सर्जरी करने के लिए सम्मानित किया था.
सोमवार को नसबंदी से हुई पहली महिला की मौत के बाद से ही डॉ गुप्ता फरार था. मंगलवार को उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई. बिलासपुर के कमिश्नर सोनमनी बोरा ने डॉ गुप्ता की गिरफ्तारी की खबर पर मुहर लगाई. बीते शनिवार को डॉ. गुप्ता ने तखतपुर हेल्थ कैंप में 83 महिलाओं का ऑपरेशन किया था. हर नसबंदी करने में डॉ. गुप्ता ने औसतन 2 मिनट लिए थे.
बिलासपुर जिले के मरवाही ब्लॉक के करीब 6 गावों में नसबंदी कराने वाली 58 महिलाओं की भी तबीयत बिगड़ गई है. इन महिलाओं का ऑपरेशन सोमवार को ही किया गया था. बीमार महिलाओं का बिलासपुर के सिम्स मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है. इससे पहले भी बिलासपुर जिले के ही कानन पेंडारी गांव में नसबंदी कराने के बाद अब तक 12 महिलाओं की मौत हो गई थी.
इसके अलावा बिलासपुर में गौरेला के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में एक घंटे मे 26 महिलाओ की नसबंदी कर दी गई जिसमें 6 महिलाओं की हालत गंभीर है. इनमें से 2 विशेष संरक्षित जनजाति बैगा से है जिनके संरक्षण और विकास के लिए सरकार कोशिश कर रही है.
गौरतलब है कि बिलासपुर नसबंदी कांड पर रमन सरकार की किरकिरी हो रही है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस दिया है, जबकि मानवाधिकार आयोग ने भी राज्य सरकार से 2 हफ्तों के भीतर रिपोर्ट मांगी है. आरोप है कि महज 6 घंटे के भीतर 83 महिलाओं का संक्रमित औजारों से ऑपरेशन किया गया. बिलासपुर पहुंची एम्स के डॉक्टरों की टीमने भी जांच में पाया है कि ऑपरेशन कराने वाली महिलाओं की किडनी फेल हो गई थी.