पश्चिम बंगाल में एक पुलिस शिविर पर माओवादियों के हमले को जघन्य करार देते हुए गृह मंत्री पी चिदंबरम ने आज स्वीकार किया कि हमले के कुछ पहलुओं में ‘‘विफलता’’ के संकेत हैं जिनका खुलासा केवल विस्तृत समीक्षा से होगा.
चिदंबरम ने यहां एक बयान में कहा‘‘ कुछ पहलुओं में विफलता के संकेत हैं लेकिन केवल पूर्ण समीक्षा से ही इस बात का खुलासा होगा कि किस प्रकार एक पर्याप्त संख्या में पुलिस बलों की मौजूदगी वाले शिविर को दिनदहाड़े नेस्तनाबूद किया गया.’’ पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य से बात करने वाले गृह मंत्री ने कहा कि यह हमला ‘‘प्रतिबंधित संगठन की राज्य में स्थापित प्राधिकार को दरकिनार करने का एक और जघन्य प्रयास है .’’ गृह मंत्री ने कहा ‘‘मैं हमले की निंदा करता हूं. बड़े पैमाने पर जनहानि हुई है . इसके अतिरिक्त 40 से अधिक हथियार लूटे गए हैं. ’’ भाकपा माओवादी के नेता ने हमले की जिम्मेदारी लेने के साथ ही भविष्य में इस प्रकार के हमलों को दोहराने की धमकी दी है.
चिदम्बरम ने भाकपा : माओवादी : के सशस्त्र संघर्ष में ‘‘वैधानिकता’’ ढूंढने वाले ‘‘अच्छे खासे संगठनों ’’ की आलोचना करते हुए कहा‘‘ इस प्रकार का हर हमला भाकपा माओवादी की असली प्रकृति और चरित्र को उजागर करता है . उनका मकसद सत्ता हथियाना है . उनका हथियार हिंसा है . एक लोकतांत्रिक गणतंत्र में किसी भी संगठन या समूह को हिंसा के जरिए स्थापित विधिक प्राधिकार पर कब्जा करने का अधिकार नहीं है.’’
गृह मंत्री ने कहा‘‘ मुझे पता है कि इस देश में बहुसंख्यक लोग भाकपा माओवादी की इस बेमतलब हिंसा की निंदा करेंगे और हिंसा की समाप्ति के लिए केन्द्रीय तथा राज्य सरकारों द्वारा सावधानीपूर्वक उठाए जा रहे नियंत्रित और संयोजित प्रयासों का समर्थन करेंगे.’’ उन्होंने कहा‘‘लेकिन मैं उन लोगों के मुंह से इन हमलों की निंदा सुनना चाहूंगा जो भाकपा माओवादी को बौद्धिक और साजो सामान का समर्थन उपलब्ध कराते हैं.’’ गृह मंत्री ने कहा‘‘ नक्सलवाद के कलंक को तभी मिटाया जा सकता है और संघर्ष क्षेत्रों में लोगों का विकास तथा तरक्की केवल तभी संभव हो सकती है , जब पूरा देश भाकपा माओवादी की कुत्सित विधारधारा को नकारे.’’ कल पश्चिमी मिदनापुर के सिलदा पुलिस शिविर में माओवादियों के हमले में ईस्टर्न फ्रंटीयर राइफल के 24 जवान मारे गए थे . इस हमले में तीन माओवादी तथा एक नागरिक भी मारा गया था.
पुलिस ने बताया कि हमले के समय शिविर में ईएफआर के 51 जवान तथा अधिकारी मौजूद थे . उन्होंने साथ ही बताया कि इनमें से कई अभी भी लापता हैं . चिदम्बरम ने मारे गए जवानों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि सात फरवरी से अपने तीन दिन के बंद के दौरान भाकपा माओवादी का मुख्य लक्ष्य रेलवे की संपत्ति को निशाना बनाना था.
गृह मंत्री ने बताया कि इन दिनों में कुल 11 घटनाएं हुई जिनमें तीन बिहार में , छह झारखंड में तथा दो उड़ीसा में थीं.चिदम्बरम ने कहा कि नक्सलियों ने रेलवे पटरियों को उड़ाया , रेलवे स्टेशनों पर हमला किया , रेलवे संपत्तियों पर बम लगाए गए तथा रेलवे अधिकारियों पर हमले किए गए.