एयरसेल मैक्सिस केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम को बड़ी राहत मिली है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 26 नवंबर तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. इससे पहले 25 अक्टूबर तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगी थी.
इसके साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चिदंबरम के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की. चिदंबरम पर साल 2006 में 305 करोड़ रुपए के आईएनएक्स मीडिया मामले और 3,500 करोड़ रुपए के एयरसेल-मैक्सिस करार में घोटाले का आरोप है.
Aircel-Maxis case: Delhi's Patiala House Court fixes 26th November as the date for consideration on the chargesheet. https://t.co/dKHe0zTvZZ
— ANI (@ANI) October 25, 2018
एयरसेल मैक्सिस मामले में पी. चिदंबरम पर जनप्रतिनिधि कानून (पीएमएलए) की धारा 3 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा है. चार्जशीट में उन्हें आरोपी नंबर-1 करार दिया गया है. साल 2006 में चिदंबरम की ओर से अवैध निवेश की इजाजत दी गई. इसी मामले में चिदंबरम के अलावा एयरसेल टेलीवेंचर्स लिमिटेड के एस. भाष्कररमन और मलेशिया निवासी ऑगस्टस राल्फ मार्शल के खिलाफ पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया गया है.
इस मामले में यह दूसरी चार्जशीट है. इसमें कुल 9 आरोपियों के नाम हैं जिसमें पी. चिदंबरम भी शामिल हैं. चार्जशीट पर 26 नवंबर को कोर्ट सुनवाई करेगा.
पहले आरोप लगाए गए थे कि चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहने के दौरान 2006 में अवैध तरीके से एयरसेल-मैक्सिस करार को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दी थी. जबकि इस तरह की मंजूरी आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी के माध्यम से मिलनी चाहिए थी. वित्त मंत्री को केवल 600 करोड़ तक के निवेश को मंजूरी देने का अधिकार था लेकिन उन्होंने 3500 करोड़ के निवेश को मंजूरी दे दी.
इतने बड़े मामले को आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी से मंजूरी मिलनी चाहिए थी. आरोप हैं कि चिंदबरम के बेटे कार्ति के माध्यम से इस डील को आगे बढ़ाया गया. पिछले साल सिंतबर में ईडी ने कार्ति की 1.16 करोड़ की संपत्तियां अटैच की थीं जिसमें बताया गया था कि वह इस डील से जुड़ी हुई हैं.
चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया मामले में भी आरोपों को सामना कर रहे हैं हालांकि उन्हें 25 अक्टूबर यानी आज तक गिरफ्तारी से राहत मिली हुई है.