छत्तीसगढ़ में माओवादियों की ओर से किये गए एक और घातक हमले के बाद गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने मंगलवार को नक्सलियों से सिर्फ 72 घंटे के लिए हिंसा ‘त्याग’ देने पर उनसे बातचीत की पेशकश की हालांकि नक्सलियों ने इसे खारिज कर दिया है.
चिदंबरम ने कहा ‘माओवादियों को कहना चाहिए कि हम हिंसा त्याग रहे हैं. वे खून खराबा छोड़ दें और 72 घंटे के लिए वास्तविक रूप से हिंसा रोकें. तब हम मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाएंगे. हम जवाब देंगे. हम बातचीत के लिए एक समय और तारीख तय करेंगे तथा माओवादी जो भी बातचीत करना चाहते हैं उन्हें बातचीत के लिए आगे आना चाहिए’.
बहरहाल, छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में नक्सल नेता रमन्ना ने बातचीत की पेशकश को खारिज करते हुए कहा ‘हम अपने हथियार नहीं त्याग सकते’. नक्सल नेता ने कहा ‘हमने पहले गृह मंत्री से बातचीत की पेशकश की थी लेकिन सरकार ने हम पर भरोसा नहीं किया. भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया और प्रताड़ना प्रतिदिन जारी है’.
रमन्ना ने कहा कि दंतेवाड़ा में नागरिक बस पर सोमवार को किया गया हमला विशेष पुलिस अधिकारियों को निशाना बना कर किया गया था क्योंकि उस वाहन में पुलिस अधिकारी सवार थे. उन्होंने कहा ‘प्रशासन नागरिकों को मानव ढाल की तरह से इस्तेमाल कर रहा है. इसके माद्देनजर उनकी मौत हुई. इसका मुझे खेद है. नक्सलियों ने सोमवार को दंतेवाड़ा के नजदीक बारूदी सुरंग विस्फोट से एक बस को उड़ा दिया था जिसमें 30 से अधिक लोग मारे गए.