बजट के बहाने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा है. चिदंबरम ने सोमवार को कहा, आप कोई मूवी देखने जाते हैं तो जहन में कोई दृश्य लिए घर लौटते हैं. वह दृश्य आपकी कल्पना को पकड़े रहता है.
पी चिदंबरम ने कहा कि 160 मिनट (बजट भाषण की अवधि) बीतने के बाद लोगों तक क्या संदेश गया? वे (वित्त मंत्री) क्या कहना चाह रही थीं? 160 मिनट के बाद भी बजट में कोई नैरेटिव नहीं था. मीडिया इस बारे में कोई बात नहीं कर रहा. बजट ऐसी मूवी की तरह है जो पहले शो के बाद फुस्स हो गया.
पी चिंदबरम ने कहा कि 6 क्वाटर्स के लिए जो आंकड़े उपलब्ध हैं, उसमें गिरावट आई है. हर क्वार्टर के बाद सरकार ने कहा कि यह अगले क्वाटर में बदल जाएगा. यह एक गंभीर मसला है.
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सुलझे रणनीति की है जरूरत
चिदंबरम ने कहा कि सीबीआई मुद्रास्फीति 7 फीसदी दर को पार कर गई है. खाद्य मुद्रास्फीति 10 फीसदी को पार कर गई है. अर्थव्यवस्था संकट में है. इसके लिए एक सुलझे रणनीति की जरूरत है.
चिदंबरम ने कहा कि सरकार को यह आंकड़ा मानना होगा कि अर्थव्यवस्था की स्थिति खराब है. चिदंबरम ने कहा कि जब तक डॉक्टर रोगी की सही स्थिति नहीं जानता को सही उपचार कैसे लिख सकता है.
अर्थव्यवस्था पर गौर करे केंद्र
चिदंबरम ने कहा कि निर्यात और आयात नकारात्मक हैं. इस सरकार का मानना है कि हमें आत्मनिर्भर होना चाहिए. 1970-1991 के बीच अर्थव्यवस्था की हालत ऐसी ही थी. भारतीय उत्पादों की खरीद, मेक इन इंडिया पर ही केवल अर्थव्यवस्था निर्भर नहीं करती है. यह ग्लोबल वैल्यू चेन का मसला है.
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केंद्र सरकार ने 100 वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. आपको लगता है कि दूसरा देश चुप रहेगा. टैरिफ बढ़ाने पर भी वे चर्चा करेंगे. अर्थव्यवस्था पर गौर करने की जरूरत है.