गृह मंत्री पी चिदम्बरम ने नक्सली हमले में मारे गये केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों को बुधवार को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके शवों पर पुष्पचक्र चढाया. चिदम्बरम राज्य के राज्यपाल शेखर दत्त और मुख्यमंत्री रमन सिंह तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में शहीद जवानों को पूरे सम्मान के साथ सलामी दी गयी.
चिदम्बरम ने जगदलपुर के महारानी मेडिकल कॉलेज जा कर हमले में घायल हुए जवानों के हाल चाल भी पूछे और उन्हें दी जा रही चिकित्सा की जानकारी ली. उन्होंने हमले में मारे गये जवानों के परिजनों से संवदेना व्यक्त करते हुए उन्हें ढाढस बंधाया. इसके बाद वह वरिष्ठ अधिकारियों सहित रवाना हो गये. वह जगदलपुर में ही वरिष्ठ अधिकारियों से बैठक कर स्थिति की समीक्षा करेंगे. यह बैठक बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
नक्सलियों के अब तक के सर्वाधिक विध्वंसक हमले में मंगलवार को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 76 जवान मारे गए थे.मंगलवार को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के मुकराना के जंगलों में नक्सलियों जवानों पर हमला किया. समझा जाता है कि सीआरपीएफ के 76 जवान नक्सलियों के बिछाए जाल में फंस गए. नक्सलियों का हमला सुबह छह से सात बजे के बीच हुआ. हमले का शिकार 82 जवान बने जिनमें सीआरपीएफ के 80 तथा दो स्थानीय पुलिसकर्मी थे. ये जवान संयुक्त अभियान के तहत बेस कैंप की ओर लौट रहे थे कि उसी समय उन पर नक्सलियों ने हमला बोल दिया.
इस हमले में एक प्रकार से सीआरपीएफ की एक कंपनी का सफाया हो गया. हमले में उप कमांडर सत्यवान सिंह यादव तथा सहायक कमांडेंट बी एल मीणा और छत्तीसगढ़ पुलिस के हेड कांस्टेबल समेत 76 लोग मारे गए.
इस हमले ने केन्द्र को हिला कर रख दिया तथा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को स्थिति का आकलन करने के लिए गृह मंत्री पी चिदम्बरम के साथ बैठक करनी पड़ी. दोनों ने हमले पर आश्चर्यमिश्रित सदमे का इजहार किया और जवानों के मारे जाने पर शोक जताया. प्रधानमंत्री ने इसे ‘भयावह’ घटना करार दिया. चिदम्बरम इतनी बड़ी संख्या में जवानों के मारे जाने से बेहद दुखी थे और उन्होंने कहा कि संयुक्त अभियान में जरूर कोई ‘बहुत बड़ी गलती’ हुई है क्योंकि ऐसा लगता है कि जवान नक्सलियों के जाल में जा फंसे.