केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू पर घोटाले का गंभीर आरोप लगा है. ये आरोप अरुणाचल प्रदेश में एक बड़े हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए बनने वाले 2 बांध में 450 करोड़ रुपए के घोटाले का है. सार्वजनिक उपक्रम की कंपनियों के चीफ विजिलेंस अफसर सतीश वर्मा ने रिजिजू, उनके चचेरे भाई और ठेकेदार गोबोई रिजिजू, नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पॉवर कॉरपोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर और कॉरपोरेशन के कई अफसरों के खिलाफ 129 पन्नों की रिपोर्ट सीवीसी, सीबीआई और ऊर्जा मंत्रालय को भेजी है.
हालांकि रिजिजू ने आरोपों से साफ इनकार किया है और कहा है कि जो न्यूज प्लांट कर रहे हैं, हमारे यहां आएंगे तो जूते खाएंगे. क्या लोगों की सेवा करना भ्रष्टाचार है? रिजिजू का कहना है कि उन्होंने एक स्थानीय ठेकेदार की अर्जी पर ऊर्जा मंत्रालय को खत लिखा था. लेकिन उन्हें किसी घोटाले की जानकारी नहीं है. अगर कोई घोटाला हुआ है तो उसकी गहराई से जांच की जाए.
Ye khabar kisi ne badmaashi kar ke plant ki hai, haan letter maine likha hai par usme aisa kuch nahi hai. Non issue hai: Kiren Rijiju pic.twitter.com/Ch6XzL6c89
— ANI (@ANI_news) December 13, 2016
कांग्रेस ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू का अरुणाचल प्रदेश हाइड्रो प्रोजेक्ट में घोटाले में नाम आने के बाद इस्तीफा मांगा है. कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि रिजिजु ने पद का दुरुपयोग किया है. सुरजेवाला ने कहा कि अरुणाचल हाइड्रो प्रोजेक्ट मामले पर किरण रिजिजू से इस्तीफा मांगा जाना चाहिए या उन्हें सैक कर देना चाहिए.
सुरजेवाला ने कहा कि हाइड्रो प्रोजेक्ट मामले में हमारे पास रिजिजू के खिलाफ ऑडियो प्रूफ हैं. अरुणाचल केस में रिजिजू ने अपने पद का दुरुपयोग किया है. सत्ता में आने से पहले पीएम ने नारा दिया था न खाऊंगा न खाने दूंगा. आज ये हो गया है खाओ पियो.
जुलाई में भेजी गई इस रिपोर्ट में रिजिजू समेत तमाम अफसरों पर घोटाले का आरोप लगाया गया है. इनमें से एक बांध रिजिजू के संसदीय क्षेत्र पश्चिमी कामेंग में बना है. रिपोर्ट मिलने के बाद सीबीआई ने 2 बार बांध का औचक निरीक्षण भी किया है. लेकिन इस मामले में अभी तक कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है.