राजधानी की एक अदालत ने दूसरे के घर पल-बढ़ रहे एक बच्चे को उसके वास्तविक माता-पिता को सौंपे जाने का आदेश दिया है. बच्चे की अवस्था एक वर्ष है और उसका जन्म माता-पिता की शादी से पहले ही हो गया था.
दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ने आदेश दिया कि बच्चे को उसके जन्मदाता माता-पिता पल्ल्वी और सुशील को सौंप दिया जाए. साथ ही बच्चे को पालने वाली मां का दावा खारिज कर दिया गया.
गौरतलब है कि इस दंपति की शादी से पूर्व ही बच्चा हो जाने पर उसकी परवरिश दोस्त की बहन आशा ने की थी. इसी आधार पर आशा ने कोर्ट में यह दावा किया कि बच्चा उसके पास ही रहने दिया जाए. परंतु अदालत ने बच्चे पर वास्तविक माता-पिता का ज्यादा हक मानते हुए बच्चे को उसे सौंपे जाने का आदेश दिया. बच्चे के जन्म के समय उसके माता-पिता नाबालिग थे.