भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद को काफी समय हो गया है. इस विवाद के कारण दोनों देशों के रिश्तों में काफी खटास आई है. चीन लगातार युद्ध की धमकी दे रहा है तो दूसरी तरफ भारत बातचीत से मुद्दा सुलझाने के पक्ष में है. गुरुवार को चीन की ओर से भारत में बसे अपने नागरिकों को एडवाइजरी जारी की गई है.
भारत में चीनी उच्चायोग ने भारत में बसे सभी नागरिकों को कहा है कि वह भारत में अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें. चीन ने कहा है कि भारत में वह आपदा और बीमारियों से भी खुद को सुरक्षित रखें. पिछले दो महीनों में दूसरी बार इस तरह की एडवाइजरी दी गई है, इससे पहले 8 जुलाई को चेतावनी दी गई थी.
Chinese Embassy in India reminds Chinese citizens in India to pay attention to personal safety, local security situation pic.twitter.com/T8kERlEbSP
— Global Times (@globaltimesnews) August 24, 2017
नहीं मानी राजनाथ की बात
बता दें कि चीन ने डोकलाम गतिरोध के जल्दी हल निकलने के गृह मंत्री राजनाथ सिंह की उम्मीद को खारिज करते हुए कहा था कि भारत को बिना शर्त अपनी सेना हटानी ही होगी. गौरतलब है कि सोमवार को पहले ही गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने यह उम्मीद जताई थी कि चीन इस मसले को हल करने के लिए कुछ 'सकारात्मक कदम' उठाएगा.
गौरतलब है कि डोकलाम विवाद के अलावा हाल ही में लद्दाख की पेंगोंग झील के पास भी भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी. चीनी सैनिक भारतीय इलाके में घुसने की कोशिश कर रहे थे, जिसका भारतीय सैनिकों ने विरोध किया. बाद में चीनी सैनिकों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी थी. इसके बाद दोनों सेनाओं के बीच इस मुद्दे पर बात भी हुई थी, दोनों ने आगे से ऐसा ना दोहराने की बात कही थी.
आपको बता दें कि सिक्किम सीमा सेक्टर के पास डोकलाम में भारत और चीनी सेना दो महीने से भी ज्यादा समय से आमने-सामने है. यह गतिरोध तब शुरू हुआ जब इस इलाके में चीनी सेना द्वारा किए जाने वाले सड़क निर्माण कार्य को भारतीय सैनिकों ने रोक दिया. भारत की चिंता यह है कि अगर चीन डोकलाम में सड़क बनाने में कामयाब रहता है तो उसके लिए कभी भी उत्तर-पूर्व के हिस्से तक शेष भारत की पहुंच को रोक देना आसान हो जाएगा. डोकलाम इलाके को भूटान अपना मानता है, लेकिन चीन का दावा है कि यह उसके क्षेत्र में आता है.