चीन ने तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है. इस संबंध में आधिकारिक घोषणा कर दी गई है. क्या हासिल नहीं कर पाए PM मोदी
ड्रैगन के इस प्रोजेक्ट पर भारत सरकार कई बार चिंता जाहिर कर चुकी है, लेकिन वह इसे दरकिनार करता रहा है. पर्यावरणविदों का मानना है कि चीन की इस परियोजना से भारत और बांग्लादेश में बाढ़ तथा भूस्खलन का खतरा बढ़ जाएगा. ब्रह्मपुत्र नदी के प्रवाह को प्रभावित किया गया तो असम और अरुणाचल समेत पूरे उत्तर-पूर्व पर बुरा असर पड़ सकता है, लेकिन चीन भारत की सुनने को तैयार नहीं है.
वह ब्रह्मपुत्र पर कई और बांध बनाने की भी तैयारी कर रहा है.
Tibet's largest Zangmu Hydropower Station over Yarlung Zangbo River became partly operational Sun. pic.twitter.com/f1D5p8oKBP
— People's Daily,China (@PDChina) November 23, 2014
सूत्रों का कहना है कि भारत सरकार इस प्रोजेक्ट पर लगातार नजर बनाए है और अभी तक चीन की ओर से जो सफाई दी गई है, उससे वह संतुष्ट है. दूसरी ओर कूटनीतिक मामलों के जानकार चीन के इरादों पर लगातार सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि तिब्बत के लोगों को बिजली की ज्यादा जरूरत नहीं है. फिर उसे तिब्बत में इतने बड़े पैमाने पर बांध बनाने की जरूरत क्या है?